जीएसटी परिषद ने धार्मिक यात्राओं के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं के परिचालन पर टैक्स को घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया है।
- हेल्थ इंश्योरेंस पर 18% टैक्स को लेकर फैसला नहीं, रिव्यू के लिए मंत्रियों की कमेटी बनाई
- छोटे डिजिटल लेनदेन का मामला अनुशंसा समिति को भेजा
नई दिल्ली। जीएसटी परिषद ने धार्मिक यात्राओं के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं के परिचालन पर टैक्स को घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया है। उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने सोमवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में यह फैसला लिया गया।
प्रेम चंद अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, “केदारनाथ, बदरीनाथ जैसी धार्मिक यात्राओं पर श्रद्धालुओं को ले जाने वाली हेलिकॉप्टर सेवाओं पर टैक्स को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। पहले इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं थी। अब स्पष्टता होगी।”
यह है उद्देश्य
इस कदम का उद्देश्य धार्मिक यात्रा करने वालों के लिए खर्च को कम करना है। इससे केदारनाथ, बदjrनाथ और वैष्णो देवी जैसे धार्मिक स्थलों पर हेलिकॉप्टर से जाना सस्ता होगा। हेलिकॉप्टर सेवाओं से यात्रा का समय कम होगा और यात्री अधिक आराम से अपने गंतव्य तक पहुंच पाएंगे। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित धार्मिक स्थलों के लिए यह सुविधा बहुत उपयोगी साबfl होने के आसार हैं। धार्मिक पर्यटन के बढ़ने से पूरे पर्यटन क्षेत्र को लाभ होगा। होटल, रेस्तरां और अन्य सेवा प्रदाताओं को भी फायदा होगा।
छोटे डिजिटल लेनदेन का मामला अनुशंसा समिति को भेजा
प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी परिषद ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिये 2,000 रुपये तक के छोटे डिजिटल लेनदेन के लिए बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसे भुगतान एग्रीगेटरों (पीए) पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के मुद्दे को कर अनुशंसा समिति के पास भेज दिया है। इस समय भुगतान एग्रीगेटरों को 2,000 रुपये से कम की राशि के लेनदेन पर जीएसटी का भुगतान करने से छूट है।
हेल्थ इंश्योरेंस पर 18% टैक्स को लेकर फैसला नहीं, रिव्यू के लिए मंत्रियों की कमेटी बनाई
जीएसटी काउंसिल की इस 54वीं बैठक में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को खत्म करने या कम करने को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है। इस मामले को फिलहाल फिटमेंट कमेटी (मंत्रियों की कमेटी) के पास भेज दिया गया है। अब यह कमेटी इस बात की जांच करेगी कि इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को खत्म करने या कम करने की जरूरत है या नहीं। जीएसटी खत्म या कम होने से इंश्योरेंस लेना सस्ता हो जाएगा।