मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि बाबरनामा को ज़रूर पढ़ना चाहिए। बाबरनामा में मीर बाक़ी ने ख़ुद श्री हरिहर मंदिर को तोड़ने का ज़िक्र किया है।
लखनऊ। (UP Assembly Winter Session) उत्तर प्रदेश विधानसभा के सोमवार को शुरू हुए शीत सत्र के पहले दिन जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के बाद संभल हिंसा पर बयान देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संभल में माहौल ख़राब किया गया। संभल में दंगों का इतिहास 1947 से है। वर्ष 1948, 1958, 1962 और 1978 में दंगे हुए। 1978 में 184 हिंदुओं को दंगे में ज़िंदा जला दिया गया। विपक्ष इस सच को स्वीकार नहीं करेगा। 1980 में फिर दंगा हुआ। 1986,1990, 1992 और 1996 में फिर दंगे हुए। उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी पत्थरबाजी की है, वे नहीं बचेंगे। बिना साक्ष्य के किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभल हिंसा में शामिल, तमंचा लहराते, पत्थर फेंकते लोगों के सारे विजुअल हैं। दोषी को कोई बचा नहीं पाएगा। दंगे और दंगाइयों के प्रति सरकार की जीरो टॉलरेंस है। किसी को कहीं से भी निकलने से कोई नहीं रोक सकता। बहराइच और संभल की घटना में कार्रवाई आगे बढ़ रही है। सच सामने आएगा। आपकी पत्थरबाजी से सौहार्द नहीं आएगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों में 95 प्रतिशकत की कमी आई है। उत्तर प्रदेश में 2017 से अब तक दंगे नहीं हुए हैं। 2012-2017 के दौरान सपा के कार्यकाल के दौरान 815 सांप्रदायिक दंगे हुए। इनमें 192 लोगों की मौत हुई। इससे पिछले कार्यकाल में भी 616 दंगे हुए जिनमें 121 लोगों की मौत हुई।
उन्होंने सवाल किया कि जय श्रीराम कहां से सांप्रदायिक नारा हो गया? हम अपने संबोधन में राम-राम बोलते हैं। जय श्रीराम किसी ने बोल दिया तो क्या हुआ? ये चिढ़ाने के लिए नहीं बोला गया। हमारे पास हर हर महादेव और जय श्रीराम के नारे हैं, हमें किसी और नारे की ज़रूरत नहीं।
“विपक्ष सच पर पर्दा डाल रहा”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संभल के शेख़ और पठान बोल रहे हैं कि वे कभी हिंदू थे। विपक्ष सच पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है। सत्य को छुपाया नहीं जा सकता। सत्य सामने आयेगा। बाबरनामा कहता है कि मंदिर को तोड़कर मस्ज़िद बनाई गई। भगवान विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा। यह तो केवल सर्वे की बात थी। सर्वे 19 और 21 नवंबर को भी हुआ था। 23 नवंबर को जुमे की नमाज़ के दौरान जो तकरीरें दी गईं, उससे माहौल खराब हुआ।
“बाबरनामा को ज़रूर पढ़ना चाहिए”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबरनामा को ज़रूर पढ़ना चाहिए। बाबरनामा में मीर बाक़ी ने ख़ुद हरिहर मंदिर को तोड़ने का ज़िक्र किया है। सपा विधायक आज सदन में बोल रहे थे। जिस दिन उन्हें अपनी जड़ें याद आयेंगी, तब उन्हें समझ आयेगा। मुहर्रम का जुलूस हो या कोई भी मुस्लिम समाज का जुलूस हो तो हिंदू इलाक़े से शांति से निकल जाता है लेकिन जब हिंदुओं का कोई जुलूस किसी मस्ज़िद के बगल से गुज़रता है तो दंगे क्यों हो जाते हैं? बहराइच में दंगा सड़क पर सामने नहीं हो रहा था, गोली घर के अंदर से चलाई गई थी। पुलिस घर में घुसती तो आरोप अलग लगाए गए होते।
“बाबर और औरंगज़ेब की परंपरा नहीं रहेगी”
मुखय़मंत्री ने कहा कि हमने मंदिरों को छेड़ा नहीं लेकिन कुओं को किसने पाट दिया? मूर्तियां कहां से बरामद हो रही हैं? शफ़ीकुर्रहमान रहमान ख़ुद को भारत का नागरिक नहीं बल्कि बाबर की संतान कहते थे। भारत के अंदर बाबर और औरंगज़ेब की परंपरा नहीं रहेगी।
शिया-सुन्नी विवाद पर भी बोले
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ का शिया-सुन्नी विवाद भाजपा के शासन में समाप्त हुआ है। विपक्ष शिया और सुन्नी को लड़ाता था। इसीलिए हमने कहा कि “ना बंटेंगे, ना कटेंगे”। अल्लामा इक़बाल ने कहा था, “मुस्लिम हैं हम वतन है।” विपक्ष अल्लामा इक़बाल को अपना आदर्श मानता है क्या?
“विपक्ष माहौल खराब कर रहा है”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है, विपक्ष अपनी करतूतों से माहौल ख़राब करने की कोशिश ना करे। अराजकता, पत्थरबाजी और अदालत के आदेशों पर अगर कोई कानून हाथों में लेगा तो सरकार सख्ती करेगी। किसी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी लेकिन जो दोषी होगा, उसको कोई बचा नहीं पाएगा। संविधान में यह कहा लिखा है कि मुस्लिम इलाके से हिंदू का जुलूस नहीं निकल सकता? जब हिंदुओं को रोका जाता है तब हिंदू मुहल्लों में भी प्रतिक्रिया होती है। जय श्रीराम का नारा उत्तेजक नहीं बल्कि हमारी आस्था का प्रतीक है। कल मैं अल्ला हू अकबर के नारे को कहूंगा कि मुझे यह अच्छा नहीं लगता तो क्या आपको अच्छा लगेगा?