कालिन्जर किला : यहां महादेव ने दी थी काल को मात
Kalinjar Fort कभी जयशक्ति चन्देल (जेजाकभुक्ति साम्राज्य) के अधीन था। बाद में यह दसवीं शताब्दी तक चन्देल राजपूतों और उसके बाद रीवा के सोलंकियों के अधीन रहा। दिल्ली सल्तनत के…
Kalinjar Fort कभी जयशक्ति चन्देल (जेजाकभुक्ति साम्राज्य) के अधीन था। बाद में यह दसवीं शताब्दी तक चन्देल राजपूतों और उसके बाद रीवा के सोलंकियों के अधीन रहा। दिल्ली सल्तनत के…
इस झील का नाम खुर्पाताल इसलिए पड़ा क्योंकि इसकी आकृति घोड़े के तलवे यानि खुर के जैसी है। सर्दी के मौसम में भी इसका पानी हल्का गर्म रहता है। इस…
ईगल नेस्ट नाम भारतीय सेना की रेड ईगल डिवीजन से लिया गया है जिसे 1950 के दशक में इस क्षेत्र में तैनात किया गया था। वर्ष 1989 में अधिसूचित इस…
अरुणाचल प्रदेश के लोअर सुबानसिरी जिले में समुद्र तल से 5,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित जीरो वैली (Zero Valley एक छोटा-सा शहर और जिला मुख्यालय है। यह घाटी अपनी…
सुरकण्डा पहाड़ी (Surkanda Hill) टिहरी जनपद के पश्चिमी भाग में 2756 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सुरकण्डा मन्दिर के लिए जानी जाती है। यह मसूरी- चम्बा मोटर मार्ग पर पर्यटन…
पक्षियों के रहने और फलने-फूलने के अनकूल कई वन क्षेत्रों को भारत सरकार ने संऱक्षित क्षेत्र घोषित कर पक्षी विहार का दर्जा दिया है। हर एक पक्षी विहार अपने आप…
मैं आपको घटगढ़ के फ्रीकी (अजीब) जलप्रपात की यात्रा का पूरा वृतांत बताता हूं जो नैनीताल जिले के कालाढूंगी वन रेंज का एकमात्र सूचीबद्ध जलप्रपात है। यहां जाने के लिए…
भारत में रबर को लाने का श्रेय सर हेनरी विलियम को है जो सन् 1876 में ब्राजील के पारा से रबर का बीज यहां लाये। दक्षिण भारत में इसकी पौध…
783 वर्ग किलोमीटर (302 वर्ग मील) में फैले कमलांग वन्यजीव अभयारण्य के उत्तर में लैंग नदी बहती है जबकि नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान इसकी दक्षिणी सीमा बनाता है। यह अरुणाचल प्रदेश…
कॉफी कई प्रकार की होती है जैसे एस्प्रेसो, कैपेचीनो, कैफे लैट्टे आदि। दक्षिण भारतीय फिल्टर कॉफी को दरदरी पिसी और हल्की गहरी सिंकी हुई कॉफी अरेबिका से बनाया जाता है।…