नवंबर में एनटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए एक अलग केंद्रीय कानून की आवश्यकता नहीं है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को आदेश दिया कि सभी पक्ष डॉक्टरों और मेडिकल कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर अपने सुझाव राष्ट्रीय कार्यबल (NTF) के साथ साझा करें। एनटीएफ का गठन इसी साल 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने किया था और उसका काम अस्पतालों में डॉक्टरों और मेडिकल कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों का प्रोटोकॉल (Security Protocol) तैयार करना है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि एनटीएफ मंगलवार से 12 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट विचारार्थ दाखिल करेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 17 मार्च 2025 को होगी।
शीर्ष अदालत ने दिए ये आदेश
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मद्देनजर मेडिकल पेशेवरों (Healthcare Professionals) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए शीर्ष अदालत ने 20 अगस्त को एनटीएफ का गठन किया था।
10 दिसंबर को स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई ने सुझाव दिया कि यदि मामले के बलात्कार और हत्या के मुकदमे में देरी होती है तो पक्ष पहले सुनवाई की मांग कर सकते हैं।
एनटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में ये कहा
नवंबर में एनटीएफ (NTF) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए एक अलग केंद्रीय कानून की आवश्यकता नहीं है। पैनल ने यह भी कहा कि राज्य के कानूनों में भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत गंभीर अपराधों के अलावा दिन-प्रतिदिन के छोटे अपराधों को संबोधित करने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं।
अपनी रिपोर्ट रिपोर्ट में एनटीएफ ने कहा कि देश के 24 राज्यों ने पहले ही स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के खिलाफ हिंसा को संबोधित करने के लिए कानून बनाए हैं जिसके तहत स्वास्थ्य सेवा संस्थान और चिकित्सा पेशेवर शब्दों को भी परिभाषित किया गया है।
जांच पर खतरे की संभावना
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 17 सितंबर को कहा था कि वह मामले में सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट में दिए गए निष्कर्षों से परेशान है जबकि विवरण का खुलासा करने से इनकार करते हुए कहा कि कोई भी खुलासा चल रही जांच को खतरे में डाल सकता है।