भारत ने अपने नागरिकों के लिए एडवायजरी जारी की, ईरान ने अपने अधिकारी वापस बुलाए, अपने नागरिकों को सीरिया से बाहर निकालना शुरू किया।
नई दिल्ली। (Rebels capture 3 cities in Syria) सीरिया में विद्रोही गुट हयात तहरीर अल शाम (HTS) और उसके सहयोगियों ने तीसरे शहर दारा पर भी कब्जा कर लिया है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि विद्रोही गुटों ने यहां मौजूद सेना के साथ समझौता कर लिया है। सीरिया में 27 नवंबर को सेना और विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था। इसके बाद 1 दिसंबर को विद्रोहियों ने उत्तरी शहर अलेप्पो पर कब्जा कर लिया। इसके 4 दिन बाद विद्रोही गुटों ने एक और बड़े शहर हमा पर भी कब्जा कर लिया। विद्रोहियों ने दक्षिणी शहर दारा पर कब्जा करने के बाद राजधानी दमिश्क को दो दिशाओं से घेर लिया है। दारा और राजधानी दमिश्क के बीच सिर्फ 90 किलोमीटर की दूरी है। सीरिया में बीते 27 नवंबर से सेना और एचटीएस (HTS) के बीच संघर्ष जारी है।
असद सरकार के गिनती के दिन बाकी : एचटीएस चीफ
हमा पर कब्जे के बाद एचटीएस (HTS) के कमांडर अबू मोहम्मद अल जुलानी ने जीत का संदेश दिया है। जुलानी ने कहा कि उसका मकसद सीरिया से असद सरकार को उखाड़ फेंकना है। सीरिया में एक गुप्त जगह से उसने सीएनएन (CNN) को इंटरव्यू दिया। जुलानी ने कहा कि सीरिया में तानाशाही खत्म होगी और लोगों की सरकार चुनी जाएगी।
उसने कहा कि सीरिया में 40 साल से असद खानदान का राज है। लेकिन अब असद सरकार मर चुकी है। ईरानियों की मदद से यह कुछ समय तक जिंदा रहा। बाद में रूसियों ने भी उनकी मदद की, लेकिन हकीकत ये है कि उनके शासन के अब गिनती के दिन बाकी रह गए हैं।
हिजबुल्लाह ने दिया असद को समर्थन
इस बीच हिजबुल्लाह के प्रमुख नईम कासिम ने गुरुवार को कहा कि संगठन दमिश्क (यानी राष्ट्रपति असद) के साथ रहेगा। एक टेलीविजन संबोधन में कासिम ने इस्लामिक विद्रोहियों की आलोचना करते हुए कहा, “वे पिछले दिनों में जो कुछ भी कर चुके हैं, उसके बावजूद अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाएंगे और हम हिजबुल्लाह इस आक्रमण को विफल करने में सीरिया के साथ रहेंगे।”
ईरान ने राष्ट्रपति असद का साथ छोड़ा
ईरान ने शुक्रवार से सीरिया से अपने सैन्य कमांडरों, रिवोल्यूशनरी गार्ड से जुड़े लोगों, राजनयिक कर्मचारियों और उनके परिवारों को निकालना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट में ईरानी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि ईरान पहले की तरह असद सरकार का साथ देने में असमर्थ है।
अधिकारी ने बताया कि दमिश्क में रह रहे विशेष कर्मचारियों को विमानों से तेहरान लाया जा रहा है। जबकि बाकियों को जमीनी रास्ते से लताकिया बंदरगाह जा रहे हैं जहां से वे ईरान पहुंचेंगे। ईरानी मामले के जानकारी मेहदी रहमती ने NYT से कहा कि ईरान ने अपनी अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को निकालना शुरू किया है क्योंकि उन्हें लग रहा है कि सीरिया की सेना विद्रोहियों का मुकाबला नहीं कर पाएगी।
ईरानी संसद के सदस्य अहमद नादेरी ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सीरिया पतन के कगार पर है और हम शांति से यह सब देख रहे हैं। अगर दमिश्क गिर गया तो ईरान, इराक और लेबनान में अपना असर खो देगा। मुझे समझ नहीं आता कि हमारी सरकार इस पर चुप क्यों है। यह हमारे देश के लिए अच्छा नहीं है।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस सप्ताह दमिश्क की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने सीरिया की सुरक्षा करने का वचन दिया था। हालांकि शुक्रवार को उन्होंने बगदाद में इससे अलग बयान दिया। उन्होंने कहा- हम भविष्य नहीं बता सकते। अल्लाह की जो भी इच्छा होगी वही होगा।
इस बीच ईरान ने अपने लोगों को सीरिया से बाहर निकालना शुरू कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात सीरिया की यात्रा और वहां रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
हम नजर बनाए रखे हुए हैं : भारतीय विदेश मंत्रालय
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा- सीरिया की मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक सीरिया की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है। वहां रह रहे भारतीय लोगों से अपील की जाती है कि वे बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। मंत्रालय ने कहा कि सीरिया में रह रहे भारतीय लोग अपडेट के लिए दमिश्क में भारतीय दूतावास के आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +963 993385973 (व्हाट्सएप पर भी) और ईमेल आईडी hoc.damascus@mea.gov.in पर संपर्क में रहें।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को सीरिया के हालात को लेकर कहा, हमने सीरिया के उत्तरी भाग में हाल ही में बढ़ी लड़ाई पर ध्यान दिया है। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।”
सीरिया में लगभग 90 हजार भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से 14 विभिन्न संयुक्त राष्ट्र संगठनों में काम कर रहे हैं। हमारा मिशन अपने नागरिकों की सुरक्षा करना है।