न्यूज हवेली नेटवर्क
सागर शब्द सुनते ही अथाह जलराशि की तस्वीर सामने आ जाती है। बचपन में गंगासागर (Gangasagar) का जिक्र होने पर लगता था कि यह भी अरब सागर या बंगाल की खाड़ी की तरह ही कोई सागर होगा। कुछ बड़ा होने पर समझ में आया कि इस नाम का कोई सागर नहीं बल्कि एक द्वीप है। आखिर एक दिन वाया कोलकाता काकद्वीप और वहां से फेरी में बैठकर गंगासागर पहुंच गये। कोलकाता से करीब 120 किलोमीटर दूर स्थित गंगासागर (Gangasagar) दुनिया के सबसे बड़े डेल्टा सुन्दरबन का हिस्सा है। हालांकि यह अपनी भौगोलिक विशेषता से ज़्यादा अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है। इसे सागरद्वीप (Sagardweep) भी कहा जाता है।

प्रत्येक वर्ष मकर संक्रान्ति के अवसर पर इस द्वीप के एक छोर पर विशाल मेला लगता है जिसमें लाखों हिन्दू श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसी स्थान पर गंगा नदी सागर में प्रवेश करती हैं। इसी स्थान को शास्त्रों में गंगासागर कहा गया है। कुछ लोग इसे सागर बीच भी कहते हैं। पुराणों के अनुसार कपिल मुनि के श्राप के कारण राजा सगर के 60 हज़ार पुत्रों की इसी स्थान पर तत्काल मृत्यु हो गयी थी। उनके मोक्ष के लिए राजा सगर के पौत्र राजा भगीरथ घोर तप कर गंगा को पृथ्वी पर लाये थे और गंगा यहीं सागर से मिली थीं। मान्यता है कि गंगासागर में एक बार डुबकी लगाने पर 10 अश्वमेध यज्ञ और एक हज़ार गाय दान करने के समान फल मिलता है। इस स्थान पर धरती का कुछ भाग चार वर्षों में एक बार ही समुद्र से बाहर आता है।
गंगासागर (Gangasagar) तीर्थ एवं महाकुम्भ मेला प्रयाग महाकुम्भ के बाद मनुष्यों का दूसरा सबसे बड़ा मेला है। यह मेला वर्ष में एक बार द्वीप के दक्षिणतम छोर पर गंगा के बंगाल की खाड़ी में पूर्ण विलय (संगम) के बिन्दु पर लगता है। बहुत पहले इसी स्थान पर गंगा की धारा सागर में मिलती थी किन्तु अब इसका मुहाना पीछे हट गया है और एक बहुत छोटी-सी धारा सागर से मिलती है। यहां कपिल मुनि के प्राचीन आश्रम स्थल पर एक मन्दिर है। मान्यता है कि जो युवतियां यहां समुद्र में स्नान करती हैं, उन्हें मनचाहा वर मिलता है। पुराणों के अनुसार पूजन और पिंडदान कर पितरों को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए। गंगासागर में स्नान-दान का बहुत अधिक महत्व है, इसीलिए जीवन में एक बार गंगासागर की तीर्थयात्रा जरूर करनी चाहिए।

गंगासागर (Gangasagar) जाने का सबसे अच्छा समय सर्दी यानी अक्टूबर से फरवरी के बीच का होता है। मार्च से जून तक इस क्षेत्र तेज गर्मी पड़ती है जबकि बरसात के दिनों में यह क्षेत्र काफी खतरनाक हो जाता है।
ऐसे पहुंचें गंगासागर (How to reach Gangasagar)
वायु मार्ग : निकटतम हवाईअड्डा कोलकाता का नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट यहां से करीब 133 किलोमीटर दूर है।
रेल मार्ग : कोलकाता का सियालदह यहां का सबसे करीब रेलवे स्टेशन है जो करीब 117 किमी पड़ता है। हावड़ा रेलवे स्टेशन यहां से करीब 128 किमी दूर है।
सड़क मार्ग : कोलकाता में कई स्थानों से काकद्वीप जाने के लिए बस और टैक्सी मिलती हैं। काकद्वीप से गंगासागर के लिए फेरी मिल जायेंगी।
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