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Zika Virus In India: केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को अपने परिसर को एडीज मच्छरों से मुक्त रखने को कहा है। खासकर गर्भवती महिलाओं की जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसकी वजह यह है कि गर्भवती महिलाओं में यह भ्रूण में माइक्रोसेफली (Microcephaly) का कारण बन सकता है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जीका वायरस (zika virus) के दो और मामलों का पता चलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि वे कैंपस को एडीज मच्छरों से मुक्त रखें। साथ ही निगरानी और कार्रवाई करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। केंद्र ने राज्यों को यह भी सलाह दी है कि वे गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस संक्रमण की जांच कराएं और जिन महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उनके  भ्रूण के विकास पर निगरानी निरंतर बनाए रखें।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी में आवासीय क्षेत्रों, कार्यस्थलों, स्कूलों, निर्माण स्थलों, संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं में कीट विज्ञान निगरानी (entomological surveillance) को मजबूत करने और वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों (vector control activities) को तेज करने के महत्व पर भी जोर दिया है। वायरस का समय पर पता लगाने और नियंत्रण के लिए, राज्य प्राधिकारियों को सतर्क रहने, तैयार रहने और सभी स्तरों पर उपयुक्त रसद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।

महाराष्ट्र में जीका वायरस (zika virus) के मामले बढ़कर आठ हो गए हैं जिसके बाद राज्यों को यह अलर्ट जारी किया गया है। इनमें से छह पुणे से, एक कोल्हापुर से और एक संगमनेर से है। इन आठ मामलों में दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। दो जुलाई तक की इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने यह एडवाइजरी जारी की है।

ज़ीका वायरस (zika virus) का संक्रमण एडीज मच्छरों (aedes mosquitoes) के काटने से फैलता है। यह बीमारी आमतौर पर वयस्कों में हल्के से मध्यम स्तर की होती है और इसके लिए किसी विशेष इलाज की जरूरत नहीं होती है। एडवाइजरी में सलाह दी गई है कि प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले लोगों की ठीक तरह से जांच की जाए। साथ ही सरकार ने स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को अपने परिसर को एडीज मच्छरों से मुक्त रखने को कहा है। सरकार ने खासकर गर्भवती महिलाओं की जांच के निर्देश दिए हैं। इसकी वजह यह है कि गर्भवती महिलाओं में यह भ्रूण में माइक्रोसेफली (Microcephaly) का कारण बन सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें मस्तिष्क के असामान्य विकास के कारण सिर का आकार काफी छोटा होता है।

जीका वायरस क्या है? (What is Zika virus?)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जीका वायरस मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारी है। यह मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है जो ज़्यादातर दिन के समय काटते हैं। यह वायरस खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस संक्रमण से शिशुओं में माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात रोग होने के साथ-साथ समय से पहले जन्म और गर्भपात हो सकता है।

जीका वायरस कितना खतरनाक? (How dangerous is Zika virus?)

जीका वायरस (zika virus) के संक्रमण से उत्पन्ना लक्षणों के बारे में समय से पता नहीं चल पाता है। इस वायरस से बुखार, आंखों का लाल होना सिरदर्द, गर्भस्थ शिशु को माइक्रोसेफली रोग, वयस्कों और बच्चों में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, न्यूरोपैथी और मायलाइटिस जैसे खतरनाक रोगों का खतरा हो सकता है।

जीका वायरस के लक्षण (Zika virus symptoms)

जीका वायरस (zika virus) से संक्रमित ज्यादातर लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते। जिन लोगों में लक्षण दिखाई देते हैं, उनमें ये लक्षण संक्रमण के तीन से 14 दिन बाद शुरू होते हैं और आमतौर पर हल्के होते हैं। इन लक्षणों में शामिल रैश, बुखार, आंखों का लाल होना (कंजंक्टिवाइटिस), मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकावट और सिरदर्द शामिल हैं।

ये लक्षण आमतौर पर दो से 7 दिनों तक रहते हैं तथा डेंगू  और चिकनगुनिया जैसी अन्य वायरल बीमारियों के समान होते हैं। जीका वायरस (zika virus) संक्रमण का पता लगाने के लिए लैब टेस्ट करवाना जरूरी होता है।

​जीका वायरस का उपचार और रोकथाम (Zika virus treatment and prevention)

जीका वायरस (zika virus) संक्रमण के लिए कोई विशिष्ट उपचार अथवा टीका उपलब्ध नहीं है। ऐसे में चकत्ते, बुखार या जोड़ों के दर्द जैसे लक्षणों वाले लोगों को भरपूर आराम और  तरल पदार्थ पीना चाहिए। अगर लक्षण बिगड़ते हैं तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। जीका वायरस संक्रमण यह मच्छरों के कारण होता है इसलिए हर हाल में मच्छरों के काटने से बचना जरूरी है।

 

 

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