नई दिल्ली। यूपीआई लाइट (UPI Lite) का इस्तेमाल करने वालों के लिए एक खुशखबरी है। इसमें अब ई-मैंडेट फ्रेमवर्क को इंटीग्रेड कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब यूपीआई लाइट वॉलेट (UPI Lite Wallet) में ऑटोमैटिक बैलेंस एड हो जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की शुक्रवार को हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। एमपीसी बैठक हर दो महीने में होती है जिसकी अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर करते हैं।
शक्तिकांत दास ने बताया कि यूपीआई लाइट (UPI Lite) में ई-मैंडेट फ्रेमवर्क को इंटीग्रेड करने का प्रस्ताव है। छोटे डिजिटल पेमेंट को आसान बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
आरबीआई ने वर्ष 2022 में यूपीआई लाइट लॉन्च किया था। यूपीआई लाइट यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का सिंप्लीफाइट वर्जन है। वर्तमान में यूपीआई लाइट (UPI Lite) में एक बार में अधिकतम 2,000 रुपये रख सकते हैं। सिंग्ल पेमेंट के लिए ऊपरी सीमा 500 रुपये है। यह छोटे ट्रांजेक्शन के लेनदेन के लिए ऑन-डिवाइस वॉलेट के रूप में काम करता है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “यूपीआई लाइट (UPI Lite) को व्यापक रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिएअब ग्राहकों के लिए एक सुविधा शुरू करके इसे ई-मैंडेट ढांचे के तहत लाने का प्रस्ताव है ताकि यदि शेष राशि उनके द्वारा निर्धारित सीमा से कम हो जाती है तो वे अपने यूपीआई लाइट वॉलेट को स्वचालित रूप से भर सकें।”
आरबीआई गवर्नर ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि इससे छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान में आसानी होगी। डिजिटल लेनदेन को बढ़ाने के लिए ई-मैंटेड जरूरी है।
ई- मैंटेड से ऐसे होगा लाभ
ऑन-डिवाइस वॉलेट (On-Device Wallet) के जरिये त्वरित और निर्बाध तरीके से छोटे मूल्य के भुगतान को सक्षम करने के लिए यूपीआई लाइट (UPI Lite) को सितंबर 2022 में पेश किया गया था। आरबीआई का फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) में शेष राशि की पुनःपूर्ति जैसे भुगतानों को शामिल करने का प्रस्ताव है। यह ग्राहकों को फास्टैग, एनसीएमसी आदि में शेष राशि को स्वचालित रूप से भरने में सक्षम करेगा। अगर ग्राहक द्वारा निर्धारित सीमा से वॉलेट की राशि कम हो जाती है तो ऑटोमैटिक वॉलेट में अमाउंट एड हो जाएगा। ई- मैंटेड फीचर के एड होने से लोगों को काफी लाभ होगा। उन्हें बार-बार वॉलेट में पैसे एड करने की चिंता नहीं रहेगी।