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foreign ministry spokesperson randhir jaiswal.foreign ministry spokesperson randhir jaiswal.

कनाडा ने लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी में भी भारत की मदद नहीं की है। उसने सितंबर 2023 के बाद से कोई जानकारी साझा नहीं की है।

नई दिल्ली। (India-Canada tensions) खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत के बीच शुरू हुआ राजनीतिक और कूटनीतिक टकराव चरम पर है। दोनों देशों के बीच हाल ही में बढ़े तनाव पर भारत ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में कहा कि कनाडा आरोप लगाता रहता लेकिन कभी सबूत नहीं देता। उसने लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी में भी भारत की मदद नहीं की है। सितंबर 2023 के बाद से कनाडा की सरकार ने भारत के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने इस मामले पर अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट कर दी है। आपने देखा होगा कि पिछले दो दिनों में कई प्रेस रिलीज जारी की गई हैं जिनमें हमारी स्थिति स्पष्ट की गई है। सितंबर 2023 से कनाडा सरकार ने हमारे साथ कोई भी जानकारी साझा नहीं की है। कल फिर से सार्वजनिक जांच के बाद एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि कनाडा ने गंभीर आरोप लगाए हैं लेकिन अभी तक इसका समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है… जहां तक आरोपों का सवाल है, कल पीएम ट्रूडो ने खुद स्वीकार किया कि वे आरोपों के महत्व को कम आंकते हैं… हम अपने राजनयिकों के खिलाफ झूठे आरोपों को खारिज करते हैं।”

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रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के लोगों की गिरफ्तारी के लिए कनाडाई पक्ष से कुछ साल पहले और हाल में भी अनुरोध किया था। उन्होंने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है, किसी को गिरफ़्तार नहीं किया है। वे (कनाडा सरकार) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बहाना कर ऐसी अलगाववादी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे…उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है और इसके पीछे राजनीतिक मकसद भी है।” हमने कनाडा को 26 प्रत्यर्पण अनुरोध दिए हैं पर कनाडा की ओर से  अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “निज्जर का नाम प्रत्यर्पण वाली सूची में नहीं है, बल्कि उसके खिलाफ कुछ और गंभीर आरोप थे। इन 26 लोगों में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हुए लोग भी शामिल हैं।

कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो पर साधा निशाना

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हमने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान देखे हैं कि वह वन इंडिया की नीति में विश्वास करते हैं, लेकिन हमने कई बार भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया पर लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यहां कथनी और करनी में अंतर है।”

हमें कनाडा पर नहीं था भरोसा : भारत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब किया था और उसके बाद बताया कि हमें विश्वास नहीं है कि कनाडा सरकार हमारे राजनयिकों की सुरक्षा का ध्यान रखेगी और इसलिए हमने अपने उच्चायुक्त और उनके साथ 5 अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया था। उसके बाद कनाडा की ओर से उन्हें वापस जाने के लिए कहा गया लेकिन हमने उनके फैसले से पहले ही अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था।”

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