Sun. Aug 24th, 2025

Tag: News Haveli

दूनागिरि : अल्मोड़ा का द्रोण पर्वत पर माता वैष्णवी का वास

दूनागिरि मन्दिर (Dunagiri Temple) को उत्तराखण्ड के सबसे प्राचीन और सिद्ध शक्तिपीठों में गिना जाता है। जम्मू-कश्मीर में कटरा के पास स्थिति वैष्णो देवी मन्दिर के बाद यह दूसरा वैष्णो…

बैंक अवकाश मई 2024 : इतने दिन बंद रहेंगे बैंक, देखें अवकाशों की सूची

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की छुट्टियों की सूची के मुताबिक, मई महीने में कुल 14 दिन बैंक बंद रहने वाले हैं। ऐसे में आप अभी से बैंक संबंधित अपने जरूरी…

फिर विवादों में घिरे जस्टिन ट्रूडो, कनाडा के प्रधानमंत्री के सामने लगे खालिस्‍तान सम‍र्थक नारे

भारत और कनाडा के संबेधों में बीते दिनों पहले बढ़े तनाव के बाद एक बार फिर वहां से निराश करने वाली खबर सामने आई है जिसमें प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के…

ढोकाने जलप्रपात के बाद कनरखा में पहाड़ों की गोद में होम स्टे

सुयालबाड़ी से लगभग 55 किलोमीटर दूर पदमपुरी पहुंचने के साथ ही हम लोगों का मन बना कि अब हमें आज का स्टे कनरखा गांव में करना है। नैनीताल से 32…

अल्मोड़ा यात्रा : उत्तराखण्ड की अधिष्ठात्रि देवी मां नन्दा

उत्तराखण्ड के लोग नन्दा देवी को अपनी अधिष्ठात्री देवी मानते हैं। यहां की लोककथाओं में नन्दा को हिमालय की पुत्री कहा जाता है। अल्मोड़ा के नन्दा देवी मन्दिर परिसर में…

लोकताक: इस झील में हैं तैरते द्वीप, राष्ट्रीय उद्यान और भूलभुलैया जैसे रास्ते

पारिस्थितिक स्थिति और जैवविविधता मूल्यों को ध्यान में रखते हुए लोकताक झील (मणिपुरी भाषा में लोकताक पाट) को वर्ष 1990 में रामसर अभिसमय के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि के…

ढोकाने जलप्रपात से कुछ दूर दिवाली की वह रात पहाड़ों के साथ

पहाड़ों और जंगल से गुजरते ऊबड़-खाबड़ पथरीले रास्ते पर हम तीनों पूरी मस्ती के साथ बातियाते चल रहे थे। अभी कुछ ही कदम चले होंगे कि एक नदी सामने दिखी…

न्याय के दरबार से पाताल भुवनेश्वर तक वाया हाट कालिका

उत्तराखण्ड के देव-दरबार केवल देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए ही नहीं, अपितु न्याय के लिए भी जाने जाते हैं। सबसे पहले हम जिला मुख्यालय अल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़…

प्रकृति की गोद : सुयालबाड़ी का शानदार ढोकाने जलप्रपात

तकरीबन 30 किलोमीटर का रास्ता तय करने के बाद नैनीताल जिले में बसा एक खूबसूरत गांव आया सुयालबाड़ी जिसकी गोद में थी हमारेी आज की दिन की मन्जिल यानी ढोकाने…

अल्मोड़ा : कुमाऊं की सांस्कृतिक राजधानी की न भूलने वाली यादें

अल्मोड़ा शहर समुद्र की सतह से 1,642 मीटर की ऊंचाई पर एक उल्टे रखे कटोरे के आकार वाली पहाड़ी (कश्यप पर्वत) पर बसा है। कौशिका (कोसी) और शाल्मली (सुयाल) नदियां…