बिनसर : झांडी ढार पहाड़ी पर पक्षियों का संसार
बिनसर पक्षी अभयारण्य से हिमालय की बर्फ से ढकी करीब 300 किलोमीटर लम्बी पर्वत श्रृंखला के दर्शन किये जा सकते हैं जिसमें चौखम्बा, त्रिशूल, नन्दादेवी और पंचाचूली जैसे हिम शिखर…
बिनसर पक्षी अभयारण्य से हिमालय की बर्फ से ढकी करीब 300 किलोमीटर लम्बी पर्वत श्रृंखला के दर्शन किये जा सकते हैं जिसमें चौखम्बा, त्रिशूल, नन्दादेवी और पंचाचूली जैसे हिम शिखर…
इन खिड़कियों पर बैठकर दूर तक दिखाई देता है और लगता है दूर से मेरा बेटा या पति आ रहा है। कुछ देर के लिए मैंने भी एक मां के…
देवी भागवत पुराण के अनुसार मां दुर्गा ने शुम्भ और निशुम्भ नामक दो राक्षसों का संहार करने के लिए देवी कात्यायनी का रूप धारण किया था। मान्यता है कि मान्यता…
दूनागिरि मन्दिर (Dunagiri Temple) को उत्तराखण्ड के सबसे प्राचीन और सिद्ध शक्तिपीठों में गिना जाता है। जम्मू-कश्मीर में कटरा के पास स्थिति वैष्णो देवी मन्दिर के बाद यह दूसरा वैष्णो…
उत्तराखण्ड के लोग नन्दा देवी को अपनी अधिष्ठात्री देवी मानते हैं। यहां की लोककथाओं में नन्दा को हिमालय की पुत्री कहा जाता है। अल्मोड़ा के नन्दा देवी मन्दिर परिसर में…
उत्तराखण्ड के देव-दरबार केवल देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए ही नहीं, अपितु न्याय के लिए भी जाने जाते हैं। सबसे पहले हम जिला मुख्यालय अल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़…
अल्मोड़ा शहर समुद्र की सतह से 1,642 मीटर की ऊंचाई पर एक उल्टे रखे कटोरे के आकार वाली पहाड़ी (कश्यप पर्वत) पर बसा है। कौशिका (कोसी) और शाल्मली (सुयाल) नदियां…