नौकुचियाताल : नैनीताल की नौ कोनों वाली झील
Naukuchiatal: नैनीताल जिला मुख्यालय से करीब 26 किलोमीटर दूर नौकुचियाताल (Naukuchiatal) समुद्र की सतह से 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी लम्बाई 983 मीटर जबकि चौड़ाई 693 मीटर…
Naukuchiatal: नैनीताल जिला मुख्यालय से करीब 26 किलोमीटर दूर नौकुचियाताल (Naukuchiatal) समुद्र की सतह से 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी लम्बाई 983 मीटर जबकि चौड़ाई 693 मीटर…
Mallikarjuna Jyotirlinga: पुराणों में वर्णित है कि अपने नाराज ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय को मनाने कि लिए भगवान शिव अपनी पत्नी देवी पार्वती के साथ दक्षिण भारत में पहुंचे। यहां वे…
Chennakeshava Temple Beluru: होयसल वंश के राजा विष्णुवर्धन ने 1116 ईसवी में चोलों पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में चेन्नाकेशव मन्दिर (Chennakesava Temple Beluru) का निर्माण करवाया था। माना जाता…
Jahaz Mahal : मध्य प्रदेश के माण्डू में स्थित जहाज महल (Jahaz Mahal) अपनी सुन्दर महराबों, मण्डपों आदि के कारण बहुत प्रसिद्ध है। इसमें हिन्दू अलंकरणों का प्रयोग बहुत ही…
Hoysaleshwara Temple : बारहवीं सदी के होयसलेश्वर मन्दिर को हेलीबीडु मन्दिर भी कहा जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित है। इसका निर्माण होयसल साम्राज्य के अधिपति महाराजा विष्णुवर्धन…
Mehrangarh Fort : राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है जोधपुर और इसकी शान है मेहरानगढ़ किला जिसे “मेहरान किला” भी कहा जाता है। यह राजस्थान के सबसे बड़े, संरक्षित…
Raigarh Fort : सह्याद्रि पहाड़ियों पर करीब 5.12 वर्ग किलोमीटर में फैला रायगढ़ किला रायगढ़ जिले के महाद से 27 किलोमीटर और मुम्बई से करीब 166 किलोमीटर पड़ता है। यह…
Suchindram Temple : स्तानुमलायन मन्दिर (सुचिन्द्रम मन्दिर) न केवल वास्तुकला के सर्वोत्कृष्ट उदाहरणों में से एक है बल्कि यह ताजमहल से भी ज्यादा सुन्दर संरचना है। तिरुवनन्तपुरम से बमुश्किल दो…
लाहौल-स्पीति जिले का मुख्यालय केलांग है। 1960 में हिमाचल प्रदेश के दो जिलों लाहौल और स्पीति का आपस में विलय कर इस जिले का गठन किया गया था। विलय के…
लोंगवा गांव (Longwa Village) में कोन्याक जनजाति (Konyak Tribe) रहती है जिसे बेहद खतरनाक माना जाता है। “हेडहण्टर” कही जाने वाली इस जनजाति के म्यांमार सीमा पर 27 गांव है।…