Fri. May 16th, 2025
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Mehrangarh Fort : राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है जोधपुर और इसकी शान है मेहरानगढ़ किला जिसे “मेहरान किला” भी कहा जाता है। यह राजस्थान के सबसे बड़े, संरक्षित और सबसे प्रभावशाली स्मारकों में से एक है। यह एक लम्बवत चट्टान पर बना हुआ है। इस किले को राव जोधा ने बनवाया था और यह भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है।

न्यूज हवेली नेटवर्क

दयपुर से नाथद्वारा और पाली होते हुए हम जोधपुर पहुंचे तो रात के दस बज चुके थे। करीब 244 किलोमीटर की यह दूरी हमने रास्ते में रुकते-रुकाते छह घण्टे में तय की थी। किसी पुरानी हवेली जैसे लगने वाले होटल में अगली सुबह हमारी नींद टूटी तो सवेरे के छह बज रहे थे। 410 फीट ऊंची एक पहाड़ी पर सीना ताने खड़ा भव्य मेहरानगढ़ दुर्ग (Mehrangarh Fort) झरोखों से स्पष्ट नजर आ रहा था। नहा-धोकर होटल से बाहर आये और सड़क किनारे की एक छोटी-सी दुकान पर कढ़ी-कचौरी का नाश्ता करने के बाद गुलाब सागर के किनारे टहलते हुए मेहरानगढ़ दुर्ग पहुंचे तो नौ बज चुके थे। टिकट लेकर किले में पहुंचे तो मानो मारवाड़ का इतिहास हमारे सामने था।

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राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है जोधपुर और इसकी शान है मेहरानगढ़ किला(Mehrangarh Fort) जिसे “मेहरान किला” भी कहा जाता है। यह राजस्थान के सबसे बड़े, संरक्षित और सबसे प्रभावशाली स्मारकों में से एक है। यह एक लम्बवत चट्टान पर बना हुआ है। इस किले को राव जोधा ने बनवाया था और यह भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। इसे जोधपुर के हर कोने से देखा जा सकता है। किले के दो बाह्य प्रवेश द्वार हैं,  उत्तर पूर्व में जयपोल तथा दक्षिण पश्चिम में शहर के अन्दर से फतेहपोल। इनमें जयपोल का निर्माण महाराजा मान सिंह ने 1808 के आसपास करवाया था। फतेहपोल का निर्माण महाराजा अजीत सिंह द्वारा जोधपुर पर से मुगल आधिपत्य समाप्त करने के उपलक्ष्य में करवाया गया था। एक अन्य प्रमुख प्रवेश द्वार है लोहापोल। अन्य प्रवेश द्वारों में ध्रुवपोल, सूरजपोल, इमरतपोल और भैरोंपोल शामिल हैं। किले की दीवारों की ऊंचाई 20 से 120 फीट तक है जबकि चौड़ाई 12 से 70 फीट तक है।

मेहरानगढ़ किला, जोधपुर
मेहरानगढ़ किला, जोधपुर

हॉलीवुड और बॉलीवुड की कई फिल्मों को मेहरानगढ़ किले (Mehrangarh Fort) में शूट किया गया है। इनमें द डार्क नाइट राइजेस, द लायन किंग, ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान आदि शामिल हैं। ब्रिटिश साहित्यकार रूडयार्ड किपलिंग ने एक लम्बा समय इस किले में बिताया था। उन्होंने मेहरानगढ़ दुर्ग (Mehrangarh Fort) को देवताओं, परियों और फरिश्तों द्वारा निर्मित किला माना था। इस किले की भव्यता के सम्बन्ध में निम्न उक्ति प्रसिद्ध है :-

सब ही गढ़ा सिरोमणि, अति ही ऊँचों जाण

अंनड पहाडा उपरे, जबरों गढ़ जोधाण।

मेहरानगढ़ किले में स्थित महल (Palace in Mehrangarh Fort)

मेहरानगढ़ किले में स्थित एक महल
मेहरानगढ़ किले में स्थित एक महल

शीश महल मेहरानगढ़ किले (Mehrangarh Fort) का सबसे प्रसिद्ध महल है। यह कांच के अंदरूनी पैनलों और बहु प्रतिबिम्बित छत से सजाया गया है। इसमें इस्तेमाल किए गये शीशे उत्तल आकार के हैं और दीपक की रोशनी में झिलमिलाते थे। इस महल में ही महाराजा अजीत सिंह का शयनकक्ष था जिन्होंने 1679 और 1724 के बीच जोधपुर पर शासन किया था। इसके अलावा महाराजा सूर सिंह का बनवाया मोती महल, महाराज अजीत सिंह का बनवाया फतह महल, महाराज अभय सिंह का बनवाया फूल महल और बखत सिंह का बनवाया श्रृंगार महल दर्शनीय हैं। महाराजा मान सिंह ने यहां पुस्तक प्रकाश  नामक पुस्तकालय भी बनवाया था। अन्य प्रमुख भवनों में उम्मेद विलास, ख्वाबगाह महल, झांकी महल, तखत विलास, दौलतखाना, चोखेलाव महल, बिचला महल, रानिवास, सिलहखाना, तोपखाना उल्लेखनीय हैं। दौलतखाने के आंगन में महाराजा तखत सिंह द्वारा बनवायी गयी सिणगार चौकी (श्रृंगार चौकी) रखी है जिस पर महाराजाओं का राजतिलक होता था।

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मेहरानगढ़ में आकर्षण का केन्द्र हैं तोपें (Cannons are the center of attraction in Mehrangarh)

किलकिला तोप, मेहरानगढ़ किला
किलकिला तोप, मेहरानगढ़ किला

मेहरानगढ किले (Mehrangarh Fort) के विशाल बुर्जों के मध्य में स्थित तोपें पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केन्द्र हैं। किलकिला तोप को जोधपुर के महाराजा अजीत सिंह ने अहमदाबाद में बनवाया था। शम्भु बाण तोप महाराजा अभय सिंह ने अहमदाबाद के सूबेदार सरबुलन्द खां को परास्त कर प्राप्त की थी। गजनी खां तोप पूर्व में जालोर के किले में थी। जोधपुर के महाराजा गज सिंह ने 1607 ईसवी में जालोर को विजित किया तो इसको जोधपुर ले आये। कड़क-बिजली तोप घोणेराव से मंगवाई गयी थी। जमजमा तोप, बगस वाहन तोप, बिच्छू बाण तोप, नुसरत तोप, गुब्बार तोप, धूड़धाणीद तोप, नागपली तोप, मागवा तोप, व्याधि तोप, मीरक तोप और गजक तोप भी प्रसिद्ध हैं।

मेहरानगढ़ किले का इतिहास (History of Mehrangarh Fort)

मेहरानगढ़ किला
मेहरानगढ़ किला

राठौर शासक राजा राम मल के पुत्र राव जोधा ने 12 मई 1459 को इस किले की नींव डाली थी और महाराज जसवन्त सिंह (1638-78) ने इसे पूरा किया। मारवाड़ के शासक राव जोधा ने शुरुआत में मण्डोर से राजकाज का संचालन किया लेकिन फिर अपनी राजधानी को जोधपुर स्थानान्तरित कर दिया। इसके बाद उन्होंने भाऊचेरिया पहाड़ी पर किले की नींव रखी जिसकी दूरी मण्डोर से सिर्फ नौ किलोमीटर है। सूर्य को मारवाड़ी में मेहरान कहते हैं। राठौरों के मुख्य देवता सूर्य हैं और उन्होंने इनके नाम पर ही अपने किले का नाम रखा मेहरानगढ़। राव जोधा के बाद महाराज मालदेव, महाराजा अजीत सिंह, महाराजा तखत सिंह और महाराजा हनवंत सिंह ने इस किले में कई निर्माण करवाये। (Mehrangarh Fort: “Sun Fort” in Jodhpur, Rajasthan)

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ऋषि का शाप, युवक का बलिदान

मेहरानगढ़ किले का निर्माण कार्य आरम्भ होने से पहले इस स्थान पर ऋषि चिरिया नाथजी रहते थे। राव जोधा ने उन्हें जबर्दस्ती हटा दिया। इस पर ऋषि ने शाप दिया कि जिस पानी के लिए तुम मुझे हटा रहे हो वह सूख जाएगा। तब से किले के आसपास के इलाके में पानी की लगातार कमी बनी रही। राव जोधा के क्षमा मांगने पर ऋषि चिरिया नाथजी ने एक उपाय बताया। उन्होंने कहा कि शाप को खत्म करने के लिए राज्य के किसी व्यक्ति को अपनी इच्छा से जिन्दा दफन होकर अपना बलिदान देना होगा। राव जोधा के ऐसे किसी व्यक्ति को ढूंढने में विफल रहने पर राजाराम मेघवाल नाम का एक युवक अपने प्राणों की आहुति देने के लिए आगे आया। राजाराम मेघवाल को शुभ दिन और मुहूर्त निकाल कर एक शुभ स्थान पर जिन्दा दफनाया गया ताकि मेहरानगढ़ किले की नींव रखी जा सके। राजाराम को श्रद्धांजलि देने के लिए किले में उनकी कब्र के ऊपर बलुआ पत्थर का स्मारक बनाया गया। इस स्मारक पर राजाराम का नाम, उनके बलीदान की तारीख और अन्य जानकारियां दर्ज हैं।

मेहरानगढ़ किले की वास्तुकला (Architecture of Mehrangarh Fort)

मेहरानगढ़ किला
मेहरानगढ़ किला

मेहरानगढ़ का निर्माण भले ही राव जोधा ने करवाया हो पर इसके बाद भी इसमें समय-समय पर कई नये निर्माण होते रहे। इस कारण इस पर कई वास्तुकला शैलियों का प्रभाव दिखता है। कुछ स्थानों पर भवन निर्माण की राजपूताना शैली के साथ-साथ मुगल वास्तुकला भी दिखाई देती है। फूल महल समेत कुछ महल शाहजहां के बनवाये महलों से मिलते-जुलते हैं। किले के अन्दरूनी हिस्सों में भी कई तरह की वास्तुकला का प्रभाव दिखता है। हालांकि, इन शैलियों का कोई स्पष्ट सीमांकन नहीं है। ये विभिन्न महाराजाओं द्वारा अपने शासनकाल के दौरान किए गये परिवर्तन हैं। किले का अधिकतर हिस्सा लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है पर कही-कहीं संगमरमर का इस्तेमाल भी किया गया है। महलों के झरोखों पर बारीक नक्काशी की गयी है।

मेहरानगढ़ किले के आसपास के दर्शनीय स्थान (Places to visit near Mehrangarh Fort)

जसवंत थड़ा :

जसवंत थड़ा
जसवंत थड़ा

सफेद संगमरमर से बने इस स्मारक (Jaswant Thada) का निर्माण 1906 में महाराजा सरदार सिंह ने अपने पिता महाराजा जसवन्त सिंह द्वितीय की स्मृति में करवाया था। वास्तुशिल्प के इस अनुरम उदाहरण को “राजस्थान का ताजमहल” भी कहा जाता है

राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क :

राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क, जोधपुर
राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क, जोधपुर

72 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क (Rao Jodha Desert Rock Park) प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है। यहां रेगिस्तानी और शुष्क वनस्पतियां पाई जाती हैं। यह पार्क 2006 में किले के नीचे एक बड़े चट्टानी क्षेत्र की प्राकृतिक पारिस्थितिकी को बहाल करने के लिए बनाया गया था और फरवरी 2011 में आम जनता के लिए खोला गया। इसके अन्दर और आसपास के क्षेत्र में विशिष्ट ज्वालामुखी चट्टानें और बलुआ पत्थर हैं।

नागणेचजी मन्दिर :

नागणेचजी मन्दिर मेहरानगढ़
नागणेचजी मन्दिर मेहरानगढ़

नागणेचजी मन्दिर किले के बिलकुल दाईं ओर स्थित है। इसका निर्माण 14वीं शताब्दी में तब किया गया था, जब राव धुहड़ मूर्ति को मारवाड़ में लाये थे। इस मूर्ति को बाद में इस मन्दिर में स्थापित किया गया।

चामुण्डा माताजी मन्दिर :

चामुण्डा माताजी मन्दिर, जोधपुर
चामुण्डा माताजी मन्दिर, जोधपुर

राव जोधा ने जब अपनी राजधानी को मण्डोर से जोधपुर स्थानान्तरित किया तो वह अपने साथ दुर्गा माता की मूर्ति को भी लेकर आये थे। इस मूर्ति को मेहरानगढ़ किले में एक स्थान पर स्थापित किया गया जिसे आज चामुण्डा माता मन्दिर के नाम से जाना जाता है।

मण्डोर गार्डन (Mandore Garden) : जोधपुर से पहले मण्डोर ही मारवाड़ की राजधानी थी। यहीं पर इस बगीचे को छठी शताब्दी में बनाया गया था। यह जोधपुर से उत्तर दिशा में नौ किलोमीटर दूर है। यहां एक सरकारी संग्रहालय और मन्दिर है। इसकी पत्थर की छत, गहरे लाल रंग की छतरियां, विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधे और हरियाली पर्यटकों को सहज ही आकर्षित करती है।

कब जायें जोधपुर (When to go to Jodhpur)

मेहरानगढ़ किले में स्थित एक महल
मेहरानगढ़ किले में स्थित एक महल

जोधपुर व आसपास के स्थानों पर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है। इस दौरान यहां का मौसम काफी सर्द और सुखद रहता है। मेहरानगढ़ किला सुबह नौ बजे से सायंकाल पांच बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। पर्यटक तीन से चार घण्टे किले में घूमने के बाद जोधपुर के अन्य स्थानों को देख सकते हैं। अप्रैल से जून के बीच यहां चिलचिलाती गर्मी पड़ती है और घूमने का सारा उत्साह धुआं हो सकता है।

ऐसे पहुंचें मेहरानगढ़ दुर्ग (How to reach Mehrangarh Fort)

मेहरानगढ़ किला
मेहरानगढ़ किला

वायु मार्ग : निकटतम हवाईअड्डा जोधपुर एयरपोर्ट किले से करीब साढ़े आठ किलोमीटर दूर है। दिल्ली, मुम्बई, पुणे, अहमदाबाद आदि से जोधपुर के लिए उड़ानें हैं।

रेल मार्ग : जोधपुर जंक्शन इस किले से करीब छह किलोमीटर पड़ता है। जयपुर, बीकानेर, बाडमेर, सूरत, पटना, गुवाहाटी, बंगलुरु विशाखापत्तनम, दिल्ली, लखनऊ, बरेली, रामनगर (नैनीताल) आदि से यहां के लिए ट्रेन सेवा है।

सड़क मार्ग : जोधपुर शहर राजस्थान के सभी महत्वपूर्ण शहरों के साथ ही पड़ोसी राज्यों के साथ भी सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। जोधपुर से जयपुर करीब 333, उदयपुर 244, बीकानेर 251, जैसलमेर 265, दिल्ली 629, कोलकाता 1911, चेन्नई 2202 और मुम्बई करीब 966 किलोमीटर पड़ता है।

 

28 thought on “मेहरानगढ़ : जोधपुर में “सूरज का किला””
  1. In veterinary studies, it has proven to enhance feed efficiency and increase muscle mass in livestock.
    Tren has very high anabolic and androgenic ratings
    in comparability with most steroids. Trenbolone has a tendency to
    carry with it certain side effects typically unseen with any other compounds.
    These are typically increased perspiration (sweating) – particularly
    when sleeping at night – and insomnia (commonly nicknamed
    ‘trensomnia’). The causes and basis for these peculiar unwanted facet effects are as of yet unknown,
    and different hypotheses presently exist to attempt to clarify
    them. So if you’re fighting high blood pressure, pimples or adverse ideas – Trenbolone isn’t one thing you ought to be excited about taking.

    The cause why Trenbolone causes extra adverse reactions than different
    steroids, is regarded as due to its high Androgenic rating.

    Trenbolone just isn’t really helpful for women due to its sturdy androgenic properties.

    Women who use Trenbolone can expertise virilization, which includes the development of masculine characteristics such as
    a deepening of the voice and elevated physique hair growth.
    By following these dos and don’ts for Trenbolone cycles, bodybuilders can use
    this powerful steroid safely and effectively to realize their desired results
    in the health club. Every form of Trenbolone has unique advantages, however given Trenbolone’s efficiency as a strong
    androgenic steroid, Trenbolone has related risks when it comes to side effects.

    As a result, testosterone has minimal hepatotoxic effects,
    evidenced by our liver operate exams (1). On their floor,
    some of the response unwanted effects of Trenbolone
    Acetate may not sound too unhealthy. If the compound is to be used once more at a later date,
    the individual will wish to begin at a lower dose and find a extra snug range.
    Unfortunately, even with low doses some men will still
    expertise these adverse results. Because of the complexity
    of the unique Trenbolone unwanted effects that should be covered in-depth, solely these specific unwanted effects will be covered here within the Trenbolone side effects portion of the profile.
    Any people who want to learn in regards to the basic
    side effects which are frequent to ALL anabolic steroids can easily
    view another anabolic steroid profile.
    Colloquially often known as ‘Trensomnia’, that is another frequently
    reported Trenbolone aspect effect. Many individuals experience
    such inconveniencing insomnia from Trenbolone that they resort to sleep aids and medicines (both prescription in addition to over the counter aids).
    Notice that not all people will experience this facet
    impact, but most do.
    By the top of your Anavar cycle, you’ll not gain an exponential quantity
    of muscle mass but your muscle tissue will become more toned and defined.
    To shield your liver from its hepatotoxic results, you should limit your Winstrol cycle to a maximum of 8 weeks.
    Often people suppose that gaining muscular tissues and burning
    fat together isn’t attainable. Cardio is crucial during this
    cycle, as it helps to hold up your blood strain level and shield
    your coronary heart.
    There’s room to maneuver with experimentation once you’re a extra assured user.
    IGF and HGH mixtures are sometimes discussed, especially using them on explicit cycle days,
    similar to after weight training. Higher doses of HGH combined with normal doses of IGF show promising outcomes, including enhancements in features,
    whereas it can be hit-and-miss to use IGF throughout PCT.

    Solely by way of experimentation will you understand what the best protocol is for you.

    You can use most of the ancillary compounds mentioned
    above in the lengthy cycles section. You must think about the cycle size, which can change how you use things like peptides right
    here. Also, you won’t want the long-term HGH use on a 12-week cycle, nevertheless it
    helps improve features through the cycle (as are others like IGF).

    We have found trenbolone to be one of the most doubtless steroids to trigger hair loss, recession, or thinning on the scalp because of
    its extremely androgenic nature. Trenbolone enanthate
    is only found on the black market, its no longer approved for any
    type of use. Trenbolone is against the law then, for any kind of use as an anabolic
    steroid and is subject to sanctions by all associations.
    This is why even many advanced steroid users and bodybuilders, are choosing
    TBULK with unbelievable results (and ZERO aspect effects).
    Tren-like results, with out all its debilitating unwanted
    effects, TBULK is the very best different to the very risky Trenbolone.

    If larger doses are to be used, this will
    mostly be during the cutting phase. Some males will have the flexibility to tolerate 100mg every
    day or 200mg every other day, however this does enhance the chance of unwanted effects significantly,
    particularly response related. On its floor, Trenbolone Acetate just isn’t thought of a hepatotoxic anabolic
    steroid. Nonetheless, the hormone does appear to provide a level of toxicity with extremely
    high doses, but it seems to take doses which may
    be far past what most any human would ever undertake.

    References:

    natural bodybuilding Vs Steroids

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