News Havel, नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (General Upendra Dwivedi) ने कहा है कि उत्तरी सीमा (Northern Border) पर स्थिति संवेदनशील (situation sensitive) है। सोमवार को यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “मैं उत्तरी सीमा से बात शुरू करता हूं। जैसा कि आप सबको पता है कि स्थिति संवेदनशील है मगर स्थिर है। पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) के डेपसांग (Depsang) (Demchok) और डेमचोक (Demchok) में समस्या सुलझ गई है। पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है।
सेना प्रमुख ने कहा, “मैंने सभी सह-कमांडरों को जमीनी स्तर पर संवेदनशील मुद्दों को संभालने के लिए कहा है, ताकि इन्हें सैन्य स्तर पर ही हल किया जा सके। एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर हमारी तैनाती संतुलित और मजबूत है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। उत्तरी सीमाओं के लिए फोकस क्षमता विकास कार्यक्रम ने युद्ध लड़ने की प्रणाली में तकनीक को सक्षम किया।”
जनरल द्विवेदी ने कहा कि हम सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और क्षमता विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारा मिशन है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मजबूत आधार स्तम्भ के लिए भारतीय सेना को आत्मनिर्भर फ्यूचर रेडी फोर्स के रूप में तैयार किया जाए।
#WATCH | Delhi: On the situation along the Line of Actual Control (LAC), Indian Army Chief General Upendra Dwivedi to ANI, says "It is stable but sensitive. There have been a series of meetings. Even the Prime Minister has met the Chinese head…Coming on to Depsang and Demchok,… pic.twitter.com/IehKmlWrsj
— ANI (@ANI) January 13, 2025
पिछले साल मारे गए 60%आतंकवादी पाकिस्तानी: सेना प्रमुख
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) को लेकर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले साल मारे गए 60 प्रतिशत आतंकी पाकिस्तानी मूल के थे। आज घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी आतंकी बचे हैं, हमें लगता है कि लगभग 80 प्रतिशत या उससे अधिक पाकिस्तानी मूल के हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। नियंत्रण रेखा पर डीजीएमओ के बीच सहमति के बाद फरवरी 2021 से प्रभावी संघर्ष विराम जारी है। हालांकि आतंकी ढांचा बरकरार है। आईबी सेक्टर से घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं। हाल ही में उत्तरी कश्मीर और डोडा-किश्तवाड़ बेल्ट में आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है जबकि हिंसा के मानदंड नियंत्रण में हैं।
हमने इस बार अमरनाथ यात्रा के दौरान पांच लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को देखा। साथ ही शांतिपूर्ण चुनाव होना एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। आतंकवाद से पर्यटन की थीम धीरे-धीरे आकार ले रही है।
“पूर्वोत्तर में लगातार सुधर रहे हालात”
सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में हालात लगातार सुधर रहे हैं। मणिपुर में सुरक्षा बलों के प्रयास और सक्रिय सरकारी कोशिश से स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि, हिंसा की चक्रीय घटनाएं जारी हैं। हम क्षेत्र में शांति स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा आगे कहा, “विभिन्न एनजीओ और दिग्गज लोग मेल-मिलाप को प्रभावी बनाने के लिए कम्युनिटी नेताओं तक पहुंच रहे हैं। भारत-म्यांमार सीमा पर, निगरानी बढ़ा दी गई है, जिसका उद्देश्य म्यांमार की अशांति से बचाव करना है। बॉर्डर फेंसिंग पर भी काम जारी है।”