Thu. Feb 6th, 2025
this family has got the land back after 47 years.this family has got the land back after 47 years.

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News Havel, संभल। (Sambhal Land Recovery) संभल कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला जगत में हिंदू परिवार की लाखों रुपये की जमीन पर दूसरे समुदाय के लोगों का कब्जा मिला है। यह जमीन 10वीं कक्षा तक संचालित आजाद जन्नत निशा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के परिसर में है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 10 हजार वर्ग फीट जमीन पर कब्जा दिला दिया है।

मंगलवार को पीड़ित परिवार के साथ पहुंचीं एसडीएम वंदना मिश्रा ने खतौनी के आधार पर जमीन को चिह्नित कराया। दूसरी ओर विद्यालय प्रबंधक डॉ. मोहम्मद शहबाज की ओर से दावा किया गया है कि यह जमीन 1971 से 1976 के बीच संस्था के नाम पर खरीदी गई थी। इसके बैनामे भी कराए गए हैं।

पुश्तैनी जमीन पर दूसरे समुदाय के लोगों ने किया कब्जा : रामभरोसे

बनियाठेर थाना क्षेत्र के कस्बा नरौली के काजी टोला निवासी रघुनंदन शर्मा का परिवार 1978 तक संभल के महमूद खां सराय में रहता था। 1978 के दंगे में उनके दादा बलराम की हत्या के बाद जमीन पर मुस्लिमों ने कब्जा कर लिया और विद्यालय की जमीन में शामिल कर लिया। बलराम का पूरा परिवार बिखर गया। तीन बेटों में एक रघुनंदन शर्मा ने बहन के घर नरौली में शरण ली।  दूसरे बेटे नन्हूमल चंदौसी में बस गए। तीसरे तुलसीराम संभल में ही किराये पर रहने लगे। यह पुश्तैनी जमीन मोहल्ला जगत में थी जिसमें फूलबाग हुआ करता था।  इसकी शिकायत कई बार की लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। 24 नवंबर 2024 की हिंसा के बाद प्रशासन की सख्ती पर न्याय की उम्मीद जगी। 15 दिन पहले रघुनंदन शर्मा के परिवारीजनों ने अधिकारियों से संपर्क किया।

डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने दिए जांच के आदेश

रघुनंदन शर्मा ने जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया से शिकायत की तो उन्होंने जांच के लिए आदेश किए। इसी क्रम में रघुनंदन शर्मा के दावे वाली जमीन को एसडीएम द्वारा चिह्नित कराया गया। मंगलवार को एसडीएम वंदना मिश्रा ने 15 हजार वर्गफीट में 10 हजार वर्ग फीट भूमि पर कब्जा दिला दिया। विद्यालय प्रबंधक डॉ. मोहम्मद शहबाज सिर्फ करीब पांच हजार वर्ग फीट भूमि का ही बैनामा दिखा सके। 47 साल बाद भूमि पर कब्जा मिलने से परिवार में खुशी का माहौल है।

1968 से संचालित होता है विद्यालय

आजाद जन्नत निशा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक डॉ. शाजेव ने बताया कि उनका विद्यालय वित्तविहीन संस्था द्वारा संचालित होता है। इसकी स्थापना 1968 में की गई थी। उसी समय 1971, 1972 और 1976 में अलग-अलग जमीनों के बैनामे कराए गए थे जिसमें से कुछ जमीन का दाखिल खारिज भी नहीं हुआ था। संस्था के नाम ही जमीन का बैनामा किया गया था। करीब छह बीघा जमीन पर विद्यालय संचालित होता है। जिधर जमीन चिह्नित की गई है उधर मैदान का हिस्सा है।

दमकल विभाग में भी खंगाले जा रहे रिकॉर्ड

विद्यालय परिसर में फायर स्टेशन संभल का पुराना बोर्ड लगा मिला। एसडीएम के जानकारी करने पर विद्यालय प्रबंधक ने बताया कि दमकल की टीम फायर सिलिंडर लगाने के लिए आती थी तो उन्होंने यह बोर्ड लगा दिया था। एसडीएम ने कहा कि यह यदि प्रचार का बोर्ड होता तो उस पर फायर स्टेशन संभल क्यों अंकित किया जाता।

इसके बाद एसडीएम ने दमकल की टीम को मौके पर बुलाया। जानकारी करने पर पता चला कि 1984 से मंडी समिति में फायर स्टेशन संचालित हो रहा है। एसडीएम का कहना है कि ऐसे में आशंका है कि 1984 से पहले फायर स्टेशन इस जमीन पर ही संचालित होता रहा हो। एसडीएम ने अग्निशमन अधिकारी (द्वितीय) बाबूराम से रिकॉर्ड निकालने के लिए कहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

विद्यालय प्रबंधन ने कोई दस्तावेज सही नहीं दिखाया : एसडीएम

उप जिलाधिकारी वंदना मिश्रा ने बताया कि पीड़ित परिवार ने शिकायत की थी। मौके पर पैमाइश कराकर करीब डेढ़ बीघा जमीन चिह्नित कराई है। फायर स्टेशन का बोर्ड पुराना लगा मिला है। उसकी भी जानकारी कराई जा रही है जिससे सही जानकारी सामने आ सके। विद्यालय प्रबंधन की ओर से कोई दस्तावेज सही नहीं दिखाया गया है।

रिकॉर्ड मुरादाबाद से मंगवाया है : अग्नि शमन अधिकारी

अग्नि शमन अधिकारी (द्वितीय) बाबूराम ने बताया कि 1984 से फायर स्टेशन संभल की मंडी समिति में संचालित होने का रिकॉर्ड मिला है। उससे पहले कहां से संचालित होता था, उसका रिकॉर्ड मुरादाबाद से मंगाया गया है जिससे यह जानकारी हो सके कि मोहल्ला जगत में संचालित होता था या नहीं होता था।

हमारे दस्तावेज प्रशासन नहीं देख रहा : विद्यालय प्रबंधक

आजाद जन्नत निशा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक डॉ. मोहम्मद शहबाज का कहना है कि विद्यालय का संचालन वित्तविहीन संस्था द्वारा किया जाता है। 1968 से विद्यालय का संचालन हो रहा है। जितनी भी जमीन विद्यालय की संस्था के नाम है, सभी का बैनामा है लेकिन उनके दस्तावेज प्रशासन देख नहीं रहा। यदि प्रशासन नहीं सुनेगा तो न्याय के लिए अगला कदम उठाया जाएगा। 

 

 

 

 

 

 

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