पैन कार्ड भी आधार कार्ड जितना ही महत्वपूर्ण दस्तचवेज है। खासकर, वित्तीय मामलों में इसकी अहमियत आधार कार्ड से भी अधिक हो जाती है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आयकर विभाग की पैन 2.0 (PAN 2.0) परियोजना को अपनी मंजूरी दे दी है। अब लोगों को जल्द ही क्यूआर कोड सुविधा वाला नया पैन कार्ड (QR code PAN card) मिलेगा जो सरकार की महत्वाकांक्षी मुहिम डिजिटल इंडिया के मुताबिक होगा। मोदी सरकार की इस परियोजना पर 1,435 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान जाहिर किया गया है। गौरतलब है कि फिलहाल देश में पुराना पैन कार्ड ही यूज हो रहा है जो वर्ष 1972 से लगातार जारी है और इनकम टैक्स के सेक्शन 139A के तहत जारी किया जाता है। देश में अब तक 78 करोड़ से ज्यादा PAN इश्यू किए जा चुके हैं जो कि 98 प्रतिशत इंडिविजुअल्स को कवर करते हैं।
पैन कार्ड क्या है?
परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) को आयकर विभाग जारी करता है। इसका ज्यादातर इस्तेमाल वित्तीय कामकाज के लिए होता है। जैसे कि इनकम टैक्स भरना, बैंक एकाउंट खोलना या संपत्ति खरीदना। पैन कार्ड (Pan Card) 10 अंकों का नंबर होता है जिसमें आपके वित्तीय लेनदेन से जुड़ी सारी जानकारियां दर्ज होती हैं। जैसे कि आपकी आय कितनी है, आपका कितना टैक्स भरते हैं आदि। इसमें आपके निवेश से जुड़ी पूरी जानकारियां भी होती हैं।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि PAN 2.0 प्रोजेक्ट एक ई-गवर्नेंस पहल है जिसका उद्देश्य पैन/टैन सर्विसेज से पैन ऑथेंटिकेशन से लेकर कोर और गैर-कोर पैन/टैन एक्टिविटीज को आसान और सुरक्षित बनाना है। उन्होंने कहा कि पैन कार्ड को ऑपरेट करने वाले सॉफ्टवेयर 15-20 साल पुराने हैं जिन्हें अपग्रेड करने की आवश्यकता है। PAN 2.0 के जरिए सरकार करदाताओं (Taxpayers) को बेहतर डिजिटल अनुभव देना चाहती है।
नया पैन कार्ड कैसे मिलेगा?
आपके पास पहले से ही पैन कार्ड है तो आपको कुछ करने की जरूरत नहीं। आपको नया पैन कार्ड मिल जाएगा। इसके लिए फीस भी नहीं देनी होगी। इसे आपको पता पर भेज दिया जाएगा। हालांकि, अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है, तो आपको डिजिटल या फिजिकल पैन कार्ड के लिए आवेदन करना होगा।
नए पैन कार्ड में नया क्या होगा?
नए पैन कार्ड में क्यूआर कोड (QR code PAN card) जैसी सुविधाएं होंगी जो यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर करेंगी। सरकार का मकसद डिजिटल इंडिया के तहत PAN 2.0 परियोजना को अधिक उपयोगी बनाना है। यह सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भी अहम भूमिका निभा सकता है। यही वजह है कि सरकार पैन और आधार को लिंक कराने पर काफी जोर दे रही है।
पैन कार्ड कैसे बनेगा?
पैन कार्ड भी आधार कार्ड जितना ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है। खासकर, वित्तीय मामलों में इसकी अहमियत आधार कार्ड से भी अधिक हो जाती है। इसे आप फिजिकल और डिजिटल, दोनों तरीकों से बनवा सकते हैं।
पैन कार्ड को ऑनलाइन बनवाने के लिए आप इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से Instant e-PAN के लिए मुफ्त अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि, फ्री ई-पैन का लाभ केवल वे एडल्ट इंडिविजुअल टैक्सपेयर ही उठा सकते हैं जिनके पास अभी तक पैन नहीं है। उनका वैलिड आधार उनके मोबाइल नंबर से लिंक भी होना चाहिए। अगर आप पैन कार्ड खोने या डैमेज होने के बाद नया बनवाते हैं तो आपको करीब 100 रुपये शुल्क देना पड़ सकता है।
पैन कार्ड बनवाने की पक्रिया
- अपनी नजदीकी PAN सर्विस एजेंसी पर जाएं।
- वहां नया कार्ड बनवाने के लिए आवेदन करें।
- ओटीपी वेरिफिकेशन के लिए मोबाइल फोन नंबर दें।
- नाम, आधार नंबर और पर्सनल जानकारी दें।
- eKYC या स्कैन-बेस्ड में से ऑप्शन सेलेक्ट करें।
- फिजिकल पैन कार्ड के लिए 107 रुपये देना होगा।
- ePAN कार्ड के लिए 72 रुपये का चार्ज रहेगा।
- पैन कार्ड पेमेंट के बाद eKYC ऑथेंटिकेशन होगा।
- eKYC ऑथेंटिकेशन के बाद डॉक्यूमेंट अपलोड करें।
- मोबाइल फोन पर आए ओटीपी को दर्ज करके सबमिट करें।
- इसके बाद आपको एक्नॉलेजमेंट नंबर मिलेगा। इसके जरिए आप अपने पैन कार्ड का स्टेटस चेक कर सकते हैं।