माउण्ट आबू घूमने की प्लानिंग करते समय यहां के मौसम का ख्याल रखें। भले ही यह राजस्थान में है पर नवम्बर से फरवरी के बीच यहां तेज सर्दी पड़ती है। अप्रैल से जून के बीच यहां का तापमान 23 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।
न्यूज हवेली नेटवर्क
समुद्र तल से 1,220 मीटर की ऊंचाई पर 22 किलोमीटर लम्बे और 9 किलोमीटर चौड़े पठार पर बसा माउण्ट आबू (Mount Abu) रेतीले राजस्थान को प्रकृति के वरदान की तरह है। राजस्थान के इस एकमात्र हिल स्टेशन का प्राचीन नाम अर्बुदांचल था। अरावली पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर, जैनियों का प्रमुख तीर्थस्थल दिलवाड़ा और राज्य का ग्रीष्मकालीन शैलावास यहीं हैं। (Mount Abu: Nature’s gift to Rajasthan)
सिरोही जिले में स्थित माउण्ट आबू (Mount Abu) की भौगोलिक स्थित और वातावरण राजस्थान के अन्य शहरों से भिन्न और अत्यंत मनोरम है। यह राज्य के अन्य हिस्सों की तरह गर्म नहीं है। स्थानीय मान्यता के अनुसार आबू नाम हिमालय के पुत्र अर्बुदा के नाम पर पड़ा था। अर्बुदा एक शक्तिशाली सर्प था जिसने एक गहरी खाई में फंसे भगवान शिव के वाहन नन्दी की जान बचाई थी। यह हिन्दू और जैन धर्मों का प्रमुख तीर्थस्थल है। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी-देवता इस स्थान पर भ्रमण करते रहते हैं। भगवान शिव ने भील दंपति आहुक और आहूजा को यहीं पर साक्षात दर्शन दिये थे। यहां की एक गुफा में अंकित पदचिन्हों के बारे में मान्यता है कि ये ऋषि भृगु के पैरों के निशान हैं। वशिष्ठ ऋषि ने राक्षसों के नाश के लिए यहीं पर यज्ञ किया था।
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माउण्ट आबू विशेष रूप से अरावली की पहाड़ियों पर ट्रैकिंग समेत विभिन्न साहसिक खेल गतिविधियों, कैम्पिंग, सूर्यास्त, और मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध है।
माउण्ट आबू घूमने की प्लानिंग करते समय यहां के मौसम का ख्याल रखें। भले ही यह राजस्थान में है पर नवम्बर से फरवरी के बीच यहां तेज सर्दी पड़ती है। अप्रैल से जून के बीच यहां का तापमान 23 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। मध्य सितम्बर से अक्टूबर बीच यहां का मौसम सर्वाधिक सुहाना होता है।
कहां घूमें
अचलगढ़ किला, अर्बुदा देवी मन्दिर, दिलवाड़ा मन्दिर (पांच जैन मन्दिरों का समूह), टॉड रॉक, नक्की झील, माउण्ट आबू वन्यजीव अभयारण्य, गुरु शिखर, सनसेट पॉइंट, हनीमून पॉइंट, ब्रह्माकुमारी पीस पार्क आदि।
खानपान
भुजिया, सान्गरी, दाल बाटी, चूरमा, पिटौर की सब्जी, दाल की कचौड़ी, प्याज की कचौड़ी, मोहन मासी, लाल मासी, गट्टे की सब्जी, बाजरे की रोटी, मावा मालपुआ, बीकानेरी रसगुल्ला, मूंग दाल का हलवा आदि।
कहां ठहरें
द विलेज रिजॉर्ट, होटल राज दरबार, सन होटल एंड रिजार्ट, स्टर्लिंग माउण्ट आबू, रॉयल हेरिटेज, चाचा इन-द गार्डन रिजॉर्ट, होटल क्रिस्टल इन, होटल अशोक, कामा राजपूताना क्लब रिजॉर्ट, होटल हिल्टन, होटल माउण्ट रीजेन्सी आदि।
ऐसे पहुंचें
वायु मार्ग : निकटतम हवाईअड्डा महाराणा प्रताप एयरपोर्ट यहां से तकरीबन 176 किलोमीटर की दूर दबोक (उदयपुर) में है।
रेल मार्ग : माउण्ट आबू रेलवे स्टेशन शहर से 28 किलोमीटर दूर है। यहां के लिए देश के बड़े रेलवे स्टेशनों दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, जयपुर, अहमदाबाद, आगरा आदि से ट्रेन सेवा है।
सड़क मार्ग : माउण्ट आबू राजस्थान के उदयपुर, जयपुर आदि के साथ ही दिल्ली, आगरा आदि के साथ सड़क मार्ग से जुड़ा है।
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