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a beach in kovalam

कोवलम के बेहद खूबसूरत समुद्री तटों (बीच) की गिनती दुनिया के बेहतरीन समुद्री किनारों में होती है। केरल की राजधानी तिरुवनन्तपुरम से सिर्फ 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोवलम में कई बीच हैं।

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न्यूज हवेली नेटवर्क

मन्दर का साफ-सुथरा नीला पानी, अर्द्धचंद्राकार समुद्री तट, सुनहरी नरम रेत, एक कतार में खड़े नारियल के पेड़ और पर्यटकों की भीड़ के बावजूद शांति और सुकून का एहसास। यह कोवलम (Kovalam) है जहां के बेहद खूबसूरत समुद्री तटों (बीच) की गिनती दुनिया के बेहतरीन समुद्री किनारों में होती है। केरल की राजधानी तिरुवनन्तपुरम से सिर्फ 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोवलम (Kovalam) में कई बीच हैं।

यहां घनी हरियाली से ढके पहाड़, नारियल एवं केले के पेड़ों की कतारें और चंदन वृक्षों की भीनी-भीनी महक आपका मूड रिफ्रेश कर देगी। साथ ही अगर आपको यहां के मसालों और जायकों का स्वाद चखना है तो स्थानीय और चायनीज स्ट्रीट फूड का मजा ले सकते हैं। नारियल के पेड़ों की भरमार के कारण ही इसका नाम कोवलम (Kovalam) पड़ा है जिसका अर्थ होता है- नारियल वृक्षों का समूह।

कोवलम (Kovalam) में कई आयुर्वेदिक सैलून और स्पा-योग जैसी थीम पर आधारित रिसॉर्ट्स हैं जो पर्यटकों के लिए विविध प्रकार के आयुर्वेदिक उपचार और सेवाएं प्रदान करते हैं। यहां के शानदार समुद्री तटों के साथ ही इन सेवाओं की उपलब्धता की वजह से यह स्थान भारत में विदेशी पर्यटकों का प्रमुख डेस्टीनेशन बन गया है। दिसंबर से मार्च तक यहां का मौसम बहुत ही सुहावना होता है। इस दौरान यहां देसी-विदेशी सैलानी उमड़ पड़ते हैं।

कोवलम और आसपास के दर्शनीय स्थान (Places to visit in and around Kovalam)

कोवलम का एक समुद्र तट।
कोवलम का एक समुद्र तट।

शंकुमुघम बीचः  समुद्र तट पर सूर्यास्त कितना मनमोहक हो सकता है, इसे देखना हो तो शंकुमुघम समुद्र तट आदर्श स्थान है। हालांकि यहां का सूर्योदय भी दिल को छू लेने वाला होता है। यहां के सूर्योदय और सूर्यास्त के इतना खूबसूरत होने की वजह यहां की सुनहरी रेत भी है जो बहुत कम समुद्र तटों पर पाई जाती है।

विहिन्जम लाइटहाउसः

कोवलम का लाइट हाउस
कोवलम का लाइट हाउस

यह लाइटहाउस कोवलम में अरब सागर के तट पर है। इसी के नाम पर इस समुद्र तट को विहिन्जम लाइटहाउस बीच कहा जाता है। इस 35 मीटर ऊंचे लाइटहाउस से समुद्र और आसपास के गांवों का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है।

वरकल बीचः यह केरल का महत्वपूर्ण बीच है। बीच के पास ही पंक्तिबद्ध दुकानों पर हस्तशिल्प के सामान, शंख आदि की दुकानें हैं। वरकल की पहाड़ी चट्टानों से अरब सागर के लहरों का दृश्य बडा़ खूबसूरत लगता है।

हव्वा (हावा) बीचः यह समुद्र तट मछुआरों की गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र है। एक ऊंची चट्टान की ढलान और नीले पानी की एक शांत खाड़ी के साथ यह समुद्र तट चांदनी रात में एक अनोखा नजारा पेश करता है। इस बीच को देश के पहले “टॉपलेस बीच” का दर्जा मिला हुआ है। हालांकि अब यहां टॉपलेस स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन विदेशियों का आना कम नहीं हुआ है।

कृत्रिम ऑफ-शोर कोरल रीफः लाइटहाउस बीच पर स्थित कृत्रिम ऑफ-शोर कोरल रीफ देखने योग्य स्थान है। यह पारिस्थितिकी सुरक्षा और सुधार के लिए एक अद्भुत परियोजना है जो केरल सरकार द्वारा हार्बर इंजीनियरिंग विभाग के सहयोग से चलाई जा रही है।

पद्मनाभस्वामी मंदिरः

कोवलम का पदमानभस्वामी मन्दिर।
कोवलम का पदमानभस्वामी मन्दिर।

कोवलम से 14 किलोमीटर दूर तिरुवनन्तपुरम में स्थित यह सात मंजिला मंदिर द्रविड वास्तुकला का उत्कृष्टर उदाहरण है। इसे भगवान विष्णु के 108 दिव्य स्थानों में एक माना जाता है। भगवान विष्णु की मूर्ति यहां लेटी हुई मुद्रा में हैं। मंदिर की देखरेख राजघराने द्वारा की जाती है।

पद्मनाभस्वामी महलः वेली पहाड़ियों के तल पर बना यह महल कलाकारी का अद्भुत उदाहरण है। त्रावनकोर के शासकों का यह निवास स्थल लकड़ी की कारीगरी का उत्तम नमूना है। इस महल की दीवारों पर 17वीं और 18वीं शताब्दी की चित्रकारी बरबस ही लोगों का आकर्षित करती है।

कुथिरा मलिका (महल संग्रहालय): इस महल को पूथेन मलिका नाम से भी जाना जाता है। यह त्रावनकोर के राजा स्वाथि थिरूनल के शासनकाल में बना था जो एक महान कवि और संगीतकार थे। इस महल में परंपरागत त्रावनकोर शैली में लकड़ी पर नक्काशी की गई है। महल की दीवारों पर स्थानीय शैली की चित्रकारी भी देखने को मिलती है।

श्री चित्र आर्ट गैलरीः यहां राजा रवि वर्मा और रोरिच की पेंटिंग्स का विशाल संग्रह है। मुगल, जापान, तिब्बत, बाली और चीन की चित्रकारी कला से भी आप यहां रू-ब-रू हो सकते हैं।

श्री चित्र आर्ट गैलरी
श्री चित्र आर्ट गैलरी

सरकारी कला संग्रहालयः इस संग्रहालय को नैपियर संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है। मद्रास के भूतपूर्व गवर्नर जनरल जॉन नैपियर के नाम पर इसका नाम नैपियर संग्रहालय पड़ा। वास्तुकला की दृष्टि से इस संग्रहालय को बहुमूल्य रत्न कहा जाता है। इस संग्रहालय में केरल की परंपरागत शैली, चाइनीज और मुगलों की कला का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है।

वेली लगूनः पिकनिक का मूड हो तो यह वाटर पार्क इसके लिए आदर्श स्थान है। यहां के शानदार बगीचे, मूर्तियां, पानी पर झूलते पुल और एक्वा वाटर स्पोर्ट्स पर्यटकों को मानो दोबारा आने का आमंत्रण देते हैं।

पेपारा वन्य जीव अभयारण्यः पश्चिमी घाट पर स्थित यह अभयारण्य 53 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। विशाल पहाड़ियों और युकेलिप्टस के पेड़ों से घिरे इस अभयारण्य में हाथी, सांभर, तेंदुआ, मकाक आदि जानवर पाए जाते हैं। यह अभयारण्य तिरुवनन्तपुरम-पोन्मुड़ी मार्ग पर तिरुवनन्तपुरम से 50 किलोमीटर दूर है।

कोवलम में कहां ठहरें (Where to stay in Kovalam)

कोवलम का एक समुद्र तट।
कोवलम का एक समुद्र तट।

कोवलम, आसपास और राजधानी तिरुवनन्तपुरम में बड़ी संख्या में सस्ते होटल और टूरिस्ट होम हैं। साथ ही मझोलो दर्जे होटलों के अलावा कई थ्री स्टार, फोर स्टार और फाइव स्टार होटल-रिसॉर्ट्स भी हैं।

ऐसे पहुंचें कोवलम (How to reach Kovalam)

कोवलम बीच
कोवलम बीच

वायुमार्गः तिरुवनन्तपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कोवलम मात्र 14 किलोमीटर की दूरी पर है जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां से बस या टैक्सी द्वारा कोवलम पहुंचा जा सकता है।

रेलमार्गः तिरुवनन्तपुरम सेंट्रल नजदीकी रेलवे स्टेशन है जो यहां से करीब 16 किलोमीटर दूर है। यह देश के लगभग हरेक राज्य से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्गः कोवलम के लिए केरल के विभिन्न जिलों से राज्य परिवहन की बसें नियमित रूप से चलती हैं।

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