News Havel, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) में बदलावों को संयुक्त संसदयी समिति (JPC) ने सोमवार को मंजूरी दे दी। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि इस फाइनल मीटिंग में सभी 44 संशोधनों पर चर्चा की गई। इनमें राजग (NDA) सांसदों के 14 सुझावों को मंजूरी दे दी गई। विपक्षी सदस्यों ने भी कुछ प्रस्ताव रखे लेकिन वोटिंग के दौरान इन्हें नकार दिया गया। समिति की ओर से प्रस्तावित एक प्रमुख संशोधन यह था कि “वक्फ बाय यूजर” के आधार पर मौजूदा वक्फ संपत्तियों पर सवाल नहीं उठाए जा सकते।
जेपीसी (JPC) का कहना है कि इसकी मसौदा रिपोर्ट को 28 जनवरी को सर्कुलेट किया जाएगा जबकि 29 जनवरी को इसे आधिकारिक तौर पर अडॉप्ट किया जाएगा।
वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। वक्फ संपत्तियों को रेगुलराइज करने के लिए बने वक्फ अधिनियम 1995 की कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है।
जोपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) ने बैठक के बाद कहा कि समिति द्वारा अपनाए गए संशोधन कानून को बेहतर और अधिक प्रभावी बनाएंगे। हालांकि विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की निंदा की और जगदंबिका पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट करने का आरोप लगाया।
एक देश-एक चुनाव : जेपीसी सदस्यों को सौंपी गई 18 हजार पन्नों की रिपोर्ट
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि बैठकों का यह दौर हास्यास्पद था। हमारी बात नहीं सुनी गई। पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है। इस पर जगदंबिका पाल ने कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय को प्राथमिकता दी गई।
जेपीसी बैठक में हंगामे के बाद निलंबित हुए थे 10 संदस्य
जेपीसी की बीती 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया।
संशोधन मुस्लिमों के खिलाफ : हुर्रियत
24 जनवरी की बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने कहा, “इसमें कलेक्टर को मनमानी शक्तियां दी गई हैं। आदेश देकर और रेवेन्यू रिकॉर्ड्स में दर्ज एंट्रीज को बदलकर वक्फ संत्ति को सरकारी प्रॉपर्टी दर्शाने का पूरा अधिकार दिया गया है। ये संशोधन पूरी तरह से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हैं।”
विपक्ष नहीं चाहता रिपोर्ट पेश की जाए : भाजपा
दिल्ली में हुई बैठक पर समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, “मैंने सभी जेपीसी सदस्यों को अपने विचार रखने की अनुमति दी थी। जब मैंने उनके सवालों का जवाब देने की कोशिश की तो उन्होंने नारेबाजी की शोर मचाया, असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और खूब हंगामा किया। विपक्षी सांसद बैठक को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की। बैठक की कार्यवाही को रोकना उनकी रणनीति का हिस्सा है और वे नहीं चाहते कि रिपोर्ट पेश की जाए।”