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अगर आपके पास भी जीवन बीमा स्वास्थ्य बीमा है तो आपको अपने अधिकारों के बारे में जान लेना चाहिए ताकि कोई बीमा कंपनी अपनी मनमानी न कर पाए।

नई दिल्ली। बीमा कराने वालों यानी इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों (insurance policy holders) की सुविधा के लिए बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने एक मास्टर सर्कुलर (IRDA’s Master Circular) जारी किया है। इस सर्कुलर में उसने पॉलिसीधारकों को उनके अधिकारों के बारे में बताया है। अगर आपके पास भी जीवन बीमा (Life Insurance) या स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) है तो आपको अपने अधिकारों के बारे में जान लेना चाहिए ताकि कोई बीमा कंपनी (Insuance Company) अपनी मनमानी न कर पाए।

बीमा पॉलिसी की फिजिकल कॉपी (Physical copy of insurance policy)

अगर आप ऑनलाइन इंश्योरेंस करवाते हैं तो आपको ऑनलाइन सभी जानकारी मिल जाती है। लेकिन, अगर आप इंश्योरेंस की फिजिकल कॉपी लेना चाहते हैं तो वह भी आप आसानी से ले सकते हैं। इसके लिए कंपनी द्वारा मनाही नहीं की जाएगी। कई बार पॉलिसी होल्डर को लगता है कि उसने ऑनलाइन पॉलिसी ली है तो वह फिजिकल फॉर्मेंट में कॉपी नहीं ले सकता है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अगर पॉलिसी होल्डर फिजिकल फॉर्मेट में कॉपी मांगता है तो इंश्योरेंस कंपनी उसे यह उपलब्ध करवानी होगी। हालांकि, पॉलिसी होल्डर को प्रपोजन फॉर्म में इसकी जानकारी देनी होगी कि वह फिजिकल फॉर्मेंट में भी इंश्योरेंस की कॉपी चाहता है।

सात दिन के भीतर आंशिक निकासी (Partial withdrawal within seven days)

कई बार बीमा कंपनी यह कहती है कि आंशिक निकासी में काफी समय लगता है जबकि ऐसा नहीं है। इरडा के नियमों के अनुसार अगर पॉलिसी धारक आंशिक निकासी करना चाहता है तो बीमा कंपनी को इस काम के लिए केवल सात कारोबारी दिन मिलते हैं। अगर सात दिन से ज्यादा समय लगता है तो कंपनी को पॉलिसी  होल्डर को बताना होगा कि आंशिक निकासी में देरी क्यों हो रही है।

इसके अलावा कंपनी जैसे ही प्रपोजल फॉर्म एक्सेप्ट करती है तो उसके बाद पॉलिसी जारी करने में केवल 15 दिन का समय होता है। कंपनी कभी-भी प्रपोजल फॉर्म के साथ शुरुआती प्रीमियम नहीं ले सकती। जब पॉलिसी जारी हो जाएगी उसके बाद ही कंपनी पॉलिसी होल्डर से प्रीमियम ले सकती है। कंपनी को पॉलिसी जारी होने के बाद कस्टमर को कुछ डॉक्यूमेंट देने होंगे। इंश्योरेंस कंपनी की जिम्मेदारी है कि पॉलिसी जारी होने के बाद वह पॉलिसीहोल्डर को कवरिंग लेटर, प्रपोजल फॉर्म की कॉपी, बेनिफिट इलस्ट्रेशन की कॉपी और सीआईएस यानी कस्टमर इन्फॉर्मेशन शीट उपलब्ध करवाएं।

वापस कर सकते हैं बीमा पॉलिसी (Customers can return the insurance policy)

पॉलिसी होल्डर के पास 30 दिन का फ्री लुक पीरियड होता है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति ने कोई बीमा पॉलिसी ली लेकिन बाद में उसे वह पॉलिसी पसंद नहीं आई तो वह इसे 30 दिन के भीतर वापस कर सकता है।

होल्थ इंश्योरेंसः एक घंटे में होगा कैशलेस क्लेम (Health Insurance: Cashless claim will be made in one hour)

हेल्थ इंश्योरेंस में कैशलेस क्लेम की सुविधा मिलती है। पहले कैशलेस क्लेम के लिए पॉलिसी धारक को इंतजार करना होता था। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। अगर पॉलिसी धारक ने कैशलेस क्लेम किया है तो उसका फैसला क्लेम के एक घंटे के भीतर हो जाना चाहिए। अगर अस्पताल डिस्चार्ज कर रहा है तब तीन घंटे के भीतर फाइनल ऑथराइजेशन हो जाना चाहिए। अगर फाइनल ऑथराइजेशन में देरी होती है तो अस्पताल का अतिरिक्त खर्च बीमा कंपनी द्वारा भरा जाएगा।

जीवन बीमा पॉलिसी के निपटान की समयसीमा (Deadline for settlement of life insurance policy)

-पॉलिसी धारक के तौर पर आपको पता होना चाहिए कि आपकी बीमा कंपनी दावों का निपटान कितनी जल्दी करती है। इरडा के अनुसार, मृत्यु दावों का निपटान, उन मामलों को छोड़कर, जहा जाँच की आवश्यकता है, दावे की शुरुआत के 15 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।

-मृत्यु दावों में जहां जांच की आवश्यकता है, दावे की सूचना के 45 दिनों के भीतर निपटान किया जाना चाहिए। समर्पण या आंशिक निकासी अनुरोधों का निपटान दावों की शुरुआत के सात दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।

-समर्पण या आंशिक निकासी अनुरोधों का निपटान दावों की शुरुआत के सात दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। परिपक्वता लाभ, उत्तरजीविता लाभ, वार्षिकी भुगतान और आय लाभ नियत तिथि पर प्रदान किए जाने चाहिए।

-यदि दावे का निपटान निर्दिष्ट समयसीमा के भीतर नहीं किया जाता है तो दावेदार सूचना प्राप्त होने की तिथि से भुगतान की तिथि तक बैंक दर प्लस 2% पर ब्याज पाने का हकदार है। इस तरह के ब्याज का भुगतान बीमाकर्ता द्वारा दावे की राशि के साथ स्वतः किया जाएगा।

नामांकन कराना अनिवार्य (mandatory to enroll)

बीमा प्रस्ताव फॉर्म भरते समय संभावित व्यक्ति को नामित व्यक्ति का विवरण प्रदान करना आवश्यक है। बीमित व्यक्ति की मृत्यु के मामले में दावा राशि के भुगतान की सुविधा के लिए नामांकन अनिवार्य है। पॉलिसी धारक एक या एक से अधिक व्यक्तियों को नामांकित कर सकता है तथा प्रत्येक नामिती को देय दावा राशि का प्रतिशत निर्दिष्ट कर सकता है।

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