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कोरोली (Koroli) महाराष्ट्र के नासिक जिले का एक छोटा और अल्पज्ञात हिल स्टेशन है। प्रकृति ने इसे पूरी उदारत से सजाया-संवारा है। यह आश्चर्य की ही बात है कि मदहोश कर देने वाले सौन्दर्य के बावजूद महाराष्ट्र के बाहर के लोग इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं और यह पर्यटन स्थल के बजाय वीकेन्ड डेस्टीनेशन के तौर पर ज्यादा जाना जाता है।

न्यूज हवेली नेटवर्क

सूर्यमल एक छोटा-सा हिल स्टेशन है लिहाजा हमारा यहां एक रात ही रुकने का कार्यक्रम था। होटल से अपराह्न 12 बजे ही चेकआउट करने के बाद हम अमला वन्यजीव अभयारण्य घूमने निकल गये। वहां से वापस आकर कुछ हस्तशिल्प उत्पाद खरीदने के लिए हम पास के एक जनजातीय गांव गये। वहां से सूर्यमल लौटने के पश्चात चाय-नाश्ता कर जब हम कोरोली (Koroli) के लिए रवाना हुए तो शाम ढलने लगी थी। वाया खोडाला और टाके हर्षा जब हम कोरोली (Koroli) पहुंचे तो शाम जवान हो चुकी थी, कोरोली की पहाड़ियां और घाटियां बिजली की रोशनी से जगमगा रही थीं।

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कोरोली (Koroli) महाराष्ट्र के नासिक जिले का एक छोटा और अल्पज्ञात हिल स्टेशन है। प्रकृति ने इसे पूरी उदारत से सजाया-संवारा है। यह आश्चर्य की ही बात है कि मदहोश कर देने वाले सौन्दर्य के बावजूद महाराष्ट्र के बाहर के लोग इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं और यह पर्यटन स्थल के बजाय वीकेन्ड डेस्टीनेशन के तौर पर ज्यादा जाना जाता है। नाशिक, ठाणे आदि के लोग सप्ताहान्त बिताने के लिए यहां आते रहते हैं। (Koroli: Intoxicating beauty of nature in Nashik)

कोरोली
कोरोली

कोरोली (Koroli) सहयाद्रि पर्वतमाला पर बसा है। पर्यटक यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द लेने के साथ ही माउन्टेन ट्रैकिंग और हाईकिंग का रोमांचक अनुभव भी ले सकते हैं। यहां के ट्रैक सूर्यमल की तरह ही कठिन और खूबसूरत हैं। आप यहां के मनमहोक वातावरण में एकान्त में समय बिताने के अलावा नेचर फोटोग्राफी भी कर सकते हैं। त्रयम्बकेश्वर मन्दिर यहां से मात्र 11 किलोमीटर दूर नाशिक मार्ग पर है। यह शिवधाम बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

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कब जायें कोरोली (When to go to Koroli)

सहयाद्रि पर्वतमाला में स्थित इस पर्वतीय पर्यटन स्थल पर मौसम सालभर खुशनुमा बना रहता है। लेकिन, अगर आप यहां घूमने का भरपूर आनन्द लेना चाहते हैं तो फरवरी से लेकर जून और सितम्बर से अक्टूबर के दौरान यहां जाने का कार्यक्रम तय करें। मानसून के मौसम में यहां भरपूर हरियाली होती है और शानदार लैण्डस्केप देखने को मिलते हैं पर ज्यादा बारिश अथवा भूस्खलन होने पर परेशानी हो सकती है।

ऐसे पहुंचें कोरोली (How to reach Koroli)

निकटतम हवाईअड्डा नासिक इण्टरनेशनल एयरपोर्ट यहां से करीब 67 किलोमीटर पड़ता है। इगतपुरी जंक्शन यहां से करीब 39 किलोमीटर दूर है। वाराणसी, प्रयागराज, हावड़ा, अमृतसर, पटना, भोपाल, मुम्बई, पुणे समेत देश के कई प्रमुख शहरों से इगतपुरी के लिए ट्रेन सेवा है। जहां तक सड़क मार्ग का सवाल है, कोरोली नाशिक से करीब 39 और इगतपुरी से 40 किलोमीटर पड़ता है। इन दोनों स्थानों से कोरोली के लिए बस, टैक्सी और कैब मिलती हैं। (जारी)

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One thought on “कोरोली : नासिक में प्रकृति का मदहोश कर देने वाला सौन्दर्य”

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