किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पहले जत्थे में 101 किसान जा रहे हैं। इसका नाम “मरजीवड़ा जत्था” रखा गया है।
नई दिल्ली।(Farmers movement) पंजाब-हरियाणा सीमा (शंभू बॉर्डर) पर पिछले 9 महीने से कैंप लगाकर बैठे किसानों का दिल्ली कूच शुक्रवार को शुरू हो गया। मरजीवड़ा जत्थे के 101 किसानों ने पैदल अंबाला की तरफ बढ़ते हुए 2 बैरिकेड पार कर लिये हैं। किसानों ने बैरिकेड तोड़े दिए और कंटीली तार उखाड़ फेंकी। अब उन्हें हरियाणा पुलिस और अर्धसैन्य बलों के बैरिकेड पर रोक लिया गया है। दिल्ली कूच को लेकर अंबाला में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है। 9 दिसंबर तक यहां इंटरनेट बंद रखने के आदेश दिये गए हैं।
किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पहले जत्थे में 101 किसान जा रहे हैं। इसका नाम “मरजीवड़ा जत्था” रखा गया है। इसमें शामिल किसान हर परिस्थिति में आगे बढ़ेंगे और जान देने के लिए भी तैयार रहेंगे।
किसानों के दिल्ली चलो प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इससे पहले जब किसानों का प्रदर्शन हुआ था, तब सरकार ने किसानों को एमएसपी देने का वादा किया था। यह वादा पूरा नहीं होने पर किसान शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। आज फिर, किसानों ने दिल्ली तक मार्च करने का फैसला किया है जो सरकार के अपने वादे से पीछे हटने का संकेत है। हम मांग करते हैं कि सरकार को तुरंत किसानों से बात करनी चाहिए।
किसानों के कूच को लेकर दिल्ली प्रशासन ने कमर कस ली है। दिल्ली पुलिस ने मार्च से पहले सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ‘‘दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है और सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सिंघू बॉर्डर पर फिलहाल कम संख्या में बलों को तैनात किया गया है लेकिन पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर पर स्थिति के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है।
यह है किसानों का प्लान
- गुरु तेग बहादुर ने 6 दिसंबर 1675 को अपना बलिदान दिया था। किसानों के खास जत्थे ने इसलिए दिल्ली कूच के लिए शहीद दिवस का दिन चुना है।
- 101 किसानों के जत्थे की अगुआई सुरजीत सिंह फूल कर रहे हैं।
- आंदोलन के पीछे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) है।
- आंसू गैस से बचने के लिए किसान गीलेरुमाल की मदद लेंगे। उन्हें नमक भी दिया गया है।