नोटों की गड्डी गुरुवार को कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट पर मिली थी। कार्यवाही के बाद सदन की जांच के दौरान यह गड्डी बरामद हुई है।
नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को विपक्ष के एक सांसद के सीट पर नोटों की गड्डी मिलने पर जमकर हंगामा हुआ। नोट गुरुवार को कांग्रेस सांसद की सीट से मिले थे। कार्यवाही के बाद सदन की जांच के दौरान यह गड्डी बरामद हुई है। अब इसकी जांच की मांग की जा रही है। इस मसले के बारे में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को जानकारी दी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे जब इस मुद्दे पर बोलने उठे तो सत्तापक्ष के लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस पर खड़गे भड़क गए और कहा कि ऐसा चिल्लर काम करके देश को बदनाम कर रहे हो। केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद जेपी नड्डा ने कहा कि यह घटना सामान्य नहीं है और सदन की गरिमा पर चोट है। सभापति को घटना की जांच करानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और पीयूष गोयल ने भी मामले की जांच की बात कही।
इससे पहले राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैं सदस्यों को सूचित करना चाहता हूं कि कल (गुरुवार)) सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद नियमित जांच पड़ताल के दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने सीट संख्या 222 से 500 रुपये के नोटों की एक गड्डी बरामद की। यह सीट वर्तमान में तेलंगाना राज्य से निर्वाचित अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है। मामला मेरे संज्ञान में लाया गया और मैंने सुनिश्चित किया कि जांच हो और जांच चल रही है।”
खरगे ने सभापति के रवैये पर उठाए सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति द्वारा इसे किसी एक पार्टी से जोड़ने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब घटना की जांच होगी तो उसमें साफ होगा कि कौन दोषी है लेकिन अभी किसी पर सीधे आरोप लगाना सही नहीं है। मैं अनुरोध करता हूं कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और घटना की प्रामाणिकता स्थापित नहीं हो जाती, तब तक किसी भी सदस्य का नाम उजागर न किया जाए। इस पर सभापति ने कहा कि उन्होंने सिर्फ सीट नंबर की जानकारी दी है और इसे किसी पार्टी विशेष से नहीं जोड़ा है।
किरेन रिजिजू ने किया सभापति का समर्थन
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि नियमित प्रोटोकॉल के अनुसार सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद एंटी-सैबोटेज टीम ने सीटों की जांच की। उस प्रक्रिया के दौरान नोटो की गड्डी पायी गई और सीट नंबरों को डिकोड किया गया। सदस्यों ने उस दिन हस्ताक्षर भी किए। मुझे समझ में नहीं आता कि इस बात पर आपत्ति क्यों होनी चाहिए कि अध्यक्ष को सदस्य का नाम नहीं लेना चाहिए। अध्यक्ष ने सीट नंबर और उस विशेष सीट नंबर पर बैठे सदस्य का नाम सही ढंग से बताया। इसमें क्या गलत है? इस पर आपत्ति क्यों होनी चाहिए? क्या आपको नहीं लगता कि जब हम डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहे हैं, तो सदन में नोटों का बंडल ले जाना उचित है? हम सदन में नोटों का बंडल नहीं ले जाते। मैं अध्यक्ष की इस टिप्पणी से पूरी तरह सहमत हूं कि इसकी गंभीर जांच होनी चाहिए और सदस्यों द्वारा उठाई गई चिंताएं भी बहुत वास्तविक हैं।
अभिषेक मनु सिंघवी ने किया इनकार
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सदन में मिले रुपये उनके नहीं है और वह सदन में सिर्फ 500 का नोट लेकर गए थे। सिंघवी ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं सुना। मैं जब भी राज्यसभा जाता हूं तो 500 रुपये का नोट साथ लेकर जाता हूं। मैंने इसके बारे में पहली बार सुना। मैं 12:57 बजे सदन में पहुंचा और सदन 1 बजे उठा, फिर मैं 1:30 बजे तक कैंटीन में बैठा और फिर संसद से चला गया।