जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि गुरुग्राम से लौटे बुजुर्ग का उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर मेटरनिटी वार्ड में आइसोलेट कर उपचार किया जा रहा था।
कानपुर। औद्योगिक नगरी में स्वाइन फ्लू (H1N1 Virus) से एक बुजुर्ग की मौत हो गई जबकि एक महिला अस्पताल में भर्ती है। इस साल यहां स्वाइन फ्लू से मौत का यह पहला मामला है। इसे लेकर स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई। स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है।
बुधवार को गुरुग्राम से शहर आए चकेरी निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि गुरुग्राम से लौटे बुजुर्ग का उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर मेटरनिटी वार्ड में आइसोलेट कर उपचार किया जा रहा था। उनमें लो स्तर के H1N1वायरस की पुष्टि हुई थी। इसके साथ ही वह डायबिटीज और श्वांस से जुड़ी जटिलताएं से भी पीड़ित थे। बादशाही नाका निवासी 50 वर्षीय महिला को भी निजी पैथोलॉजी की रिपोर्ट के आधार पर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। उनमें भी लो स्तर का H1N1 संक्रमण दिख रहा है। चिकित्सकों की एक टीम उनकी निगरानी और चिकित्सा कर रही है।
प्राचार्य प्रो. संजय काला ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के संक्रामक रोग अस्पताल में स्वाइन फ्लू (swine flu) के मरीजों को भर्ती करने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। वेंटिलेटर भी लगाया जा रहा है। माइक्रोबायोलॉजी विभाग में एक सप्ताह के अंदर स्वाइन फ्लू की जांच शुरू कर दी जाएगी।
किस वजह से फैलता है स्वाइन फ्लू (Why does swine flu spread?)
स्वाइन फ्लू H1N1 वायरस के कारण होता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। जब कोई प्रभावित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसकी बूंदें हवा में चली जाती हैं। अगर कोई व्यक्ति सांस के ज़रिए वायरस को अंदर ले लेता है तो उसको संक्रमण हो सकता है। जब आप किसी दूषित सतह को छूते हैं और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूते हैं, तो भी आपको संक्रमण हो सकता है। इसे स्वाइन फ्लू इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सूअरों (स्वाइन) को प्रभावित करने वाले फ्लू वायरस के समान है। यह वायरस सूअरों में फेफड़े (श्वसन) की बीमारी का कारण बनता है।