इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध नहीं माना था पर कहा कि किसी भी नेता को बहुत दिनों तक जेल में नहीं रखा जा सकता।
नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी मामले (Delhi excise case) में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को शुक्रवार को बड़ी राहत दी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश उज्वल भुइयां की बेंच ने शर्तों और 10 लाख के निजी मुचलके पर उनको जमानत दे दी। इससे 156 दिन बाद जेल से उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। केजरीवाल पर वही शर्ते रहेंगी जो ईडी के केस में मिली जमानत के दौरान थीं। इससे पहले शीर्ष अदालत ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध नहीं माना था पर कहा कि किसी भी नेता को बहुत दिनों तक जेल में नहीं रखा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने 5 सिंतबर को अरविंद केजरीवाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एफआईआर अगस्त 2022 में दर्ज की गई थी और चार चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं और ट्रायल कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है और 17 आरोपियों की जांच की जानी है। निकट भविष्य में मुकदमे के पूरा होने की संभावना नहीं है। केजरीवाल जमानत मंजूर करने के लिए तीन शर्तों को पूरा करते हैं और हम तदनुसार बेल का आदेश देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि चार्जशीट दाखिल करना क्या इन परिस्थितियों में महत्वपूर्ण है? इस संबंध में हम अपीलकर्ता को ट्रायल कोर्ट तक सीमित नहीं कर रहे हैं। हम अरविंद केजरीवाल को 10 लाख रुपये के जमानत बांड के अधीन जमानत पर रिहा करने का निर्देश देते हैं।
ईडी वाली शर्तों के साथ ही आएंगे आएंगे बाहर
-दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने वही शर्तें लगाई हैं जो उन्हें ईडी के केस में बेल के दौरान मिली थीं।
-केस की मेरिट पर कोई बयानबाजी नहीं करेंगे
-दफ्तर जाने, सरकारी काम करने, केस पर टिप्पणी करने पर रोक
-ऐसे में सरकार के कामकाज में अब भी दिक्कत बनी रहेगी
-NCCSA की बैठक भी नहीं कर पाएंगे।
-वह दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे
-वह किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे या मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं रखेंगे
जमानत के लिए केजरीवाल ने क्या कहा
केजरीवाल ने जमानत की मांग करते हुए कहा है कि सीबीआई ने इस मामले में दो साल तक गिरफ्तार नहीं किया। मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कठोर कानून में उनको जमानत मिल चुकी है। मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। इस मामले में अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है और उनसे (केजरीवाल से)स समाज को खतरा नहीं है और उनके भागने का कोई अंदेशा नहीं है लिहाजा उन्हें जमानत दी जाए।