यहां नर्मदा नदी संगमरमर की 100-100 फुट ऊंची चट्टानों के बीच अत्यंत शांत वातावरण में बहती है। संगमरमर की ऊंची चट्टानों के बीच जब नाव गुजरती है तो यह दृश्य काफी विहंगम होता है। चट्टानों के बीच से बहती नर्मदा नदी में नाव से घूमने और धुआंधार जलप्रपात को देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं।
न्यूज हवेली नेटवर्क
संगमरमरी चट्टानों पर 50 फुट ऊपर से गिरता नर्मदा का जल। इस बेगवती धाऱा का जल पत्थरों से टकराने के बाद सफेद धुएं की भांति उड़ने लगता है और कुहासा-सा छा जाता है। इसी कारण इस स्थान को धुआंधार कहते हैं यानि धुआंधार जलप्रपात (Dhuandhar Falls)। भारत के सबसे सुन्दर झरनों में शामिल यह जलप्रपात यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल है। (Dhuandhar Falls: Water flowing like white smoke)
मध्य प्रदेश के जबलपुर ज़िला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित भेड़ाघाट एक रमणीय पौऱाणिक स्थल है। यहां नर्मदा नदी संगमरमर की 100-100 फुट ऊंची चट्टानों के बीच अत्यंत शांत वातावरण में बहती है। संगमरमर की ऊंची चट्टानों के बीच जब नाव गुजरती है तो यह दृश्य काफी विहंगम होता है। चट्टानों के बीच से बहती नर्मदा नदी में नाव से घूमने और धुआंधार जलप्रपात (Dhuandhar Falls) को देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं।
आप जब भी भेड़ाघाट घूमने जायें तो यहां के रोपवे की सवारी जरूर करें। यह धुआंधार जलप्रपात के एकदम सामने से जाता है जिससे आप इस प्रपात की शानदार सेल्फी आसानी से ले सकते हैं। इस रोपवे की ट्राली में बैठकर भेड़ाघाट की संगमरमरी चट्टानों के बीच से गुजरती नर्मदा और धुआंधार जलप्रपात का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।
कपिलधारा जलप्रपात : अमरकण्टक में नर्मदा की पहली छलांग
भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित चौसठ योगिनी मन्दिर धुआंधार जलप्रपात के समीप है। इसके चारों तरफ गोलाकार में माता दुर्गा की 64 प्रतिमाएं हैं। दसवीं शताब्दी में कलचुरी वंश के राजाओं द्वारा बनवाये गये इस मन्दिर से नर्मदा का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। विश्व प्रसिद्ध बैलेंसिंग रॉक्स (Balancing rocks) भी भेड़ाघाट में ही है। पत्थर की यह विशाल गोलाकार चट्टान पूरी तरह प्राकृतिक है।
कब जायें भेड़ाघाट
भेड़ाघाट किसी भी मौसम में जा सकते हैं लेकिन सर्दी के मौसम में यहां घूमने का अलग ही मजा है। अक्टूबर से अप्रैल के बीच नर्मदा में प्रचुर मात्रा में पानी होता है और संगमरमरी चट्टानों के बीच बहुत सारे छोटे-छोटे झरने बन जाते हैं।
ऐसे पहुंचें भेड़ाघाट
वायु मार्ग : जबलपुर का दुमना एयरपोर्ट शहर से केवल 20 किमी की दूरी पर है। मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, पुणे, नागपुर, भोपाल और इंदौर से जबलपुर के लिए नियमित उड़ानें हैं। जबलपुर से भेड़ाघाट के लिए टैक्सी, कैब, आटो आदि मिल जाते हैं।
रेल मार्ग : मुंबई-हावड़ा रेल ट्रैक पर जबलपुर मध्य भारत का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है। जबलपुर रेलवे स्टेशन की रेल कनेक्टिविटी दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, वाराणसी, आगरा, ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, नागपुर, जम्मू आदि के साथ बहुत अच्छी है। हालांकि भेड़ाघाट में भी एक रेलवे स्टेशन है पर यहां गिनीचुनी ट्रेनें कुछ सेकंड के लिए ही रुकती हैं।
सड़क मार्ग : वाराणसी को कन्याकुमारी से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-7 जबलपुर से गुजरता है। भोपाल, रायपुर, खजुराहो आदि से जबलपुर की
की सीधी बस कनेक्टिविटी है।
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