अमेरिका के पास दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेना है। उसको टक्कर देने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने देश में “ब्लू वाटर नेवी” का सपना देख रहे हैं।
बीजिंग। (Chinese Nuclear Submarine Sunk) अमेरिकी नौसेना को टक्कर देने के लिए “ब्लू वाटर नेवी” तैयार करने का सपना देख रहे चीन को ब़ड़ा झटका लगा है। उसकी नई नवेली परमाणु पनडुब्बी (Chinese Nuclear Submarine) समुद्र में डूब गई है। शर्मिंदगी से बचने के लिए चीन कई महीने पहले हुई इस दुर्घटना पर चुप्पी साध गया पर अमेरिका को इसका सुराग लगा गया। इस हादसे की खबर सामने आने पर हड़कंप मच गया क्योंकि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि पनडुब्बी के परमाणु रिएक्टर में ईंधन भरा जा चुका था या नहीं।
इस समय अमेरिका के पास दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेना है। उसको टक्कर देने के लिए चीन के अति महत्वाकांक्षी तानाशाह राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने देश में “ब्लू वाटर नेवी” का सपना देख रहे हैं, एक ऐसी नौसेना जिसकी दुनिया के हर कोने तक पहुंच हो। इस कारण चीन लगातार अपनी नौसेना की मारक क्षमता बढ़ने के प्रयास कर रहा है। हालांकि, चीन के पास पहले से ही 370 से अधिक जहाजों के साथ एक बड़ी नौसेना है। इसके साथ ही उसने परमाणु-सशस्त्र पनडुब्बियों की एक नई पीढ़ी का उत्पादन शुरू कर दिया है और परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों के उत्पादन में विविधता लाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। चीन के सबसे अधिक परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण हुलुदाओ शिपयार्ड में है लेकिन अब वुहान के पास वुचांग शिपयार्ड में इनका निर्माण किया जा रहा है।
चीन का कहना है कि विश्व स्तरीयर सेना बनाने का उसका लक्ष्य आक्रामकता को रोकना है और विदेश में अपने हितों की रक्षा करना है। चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने पनडु्ब्बी के डूबने की घटना पर बयान के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है। वास्तविकता तो यही है कि चीनी अधिकारियों ने इस दुर्घटना को छिपाने की भरपूर कोशिश की। इस कारण दुर्घटना का खुलासा कई महीने बाद हुआ है। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि चीनी परमाणु पनडुब्बी मई के अंत या जून की शुरुआत में वुहान के पास एक शिपयार्ड में डूब गई थी।
दुर्घटना के समय परमाणु ईंधन होने का शक
अमेरिका की खुफिया एजेंसिया अभी तक यह पात नहीं लगा पाई हैं कि पनडुब्बी डूबने के समय उसमें परमाणु ईंधन था या नहीं। हालांकि, अमेरिकी सरकार से बाहर के विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसा होने की संभावना है। एक चीनी अधिकारी ने कहा, “आपने (अमेरिका ने) जो स्थिति बताई है, हम उससे परिचित नहीं हैं और फिलहाल हमारे इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं है।” अधिकारी ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि इसके डूबने का कारण क्या था या उस समय इसमें परमाणु ईंधन था या नहीं।
चीन के पास छह परमाणु पनडुब्बियां
चीन के पास पहले से ही 6 परमाणु पनडुब्बियां हैं और अगर यह नई नवेली पनडुब्बी नहीं डूबी होती तो चीनी नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा हो जाता। चीन की सैन्य शक्ति पर पिछले साल जारी पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के अंत तक बीजिंग के पास 48 डीजल-इलेक्ट्रिक हमलावर पनडुब्बियां और छह परमाणु पनडुब्बियां थीं। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि नई हमलावर पनडुब्बियां, सतही युद्धपोत और नौसैनिक विमान विकसित करने का चीन का उद्देश्य संघर्ष के दौरान ताइवान की सहायता के लिए अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों का मुकाबला करना और “समुद्री श्रेष्ठता” हासिल करना है।