लखनऊ। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न में देरी अब व्यापारियों पर भारी पड़ेगी। इसके लिए पहले व्यापारियों से दो से तीन हजार रुपये की जुर्माना राशि वसूली जाती थी जिसे अब बढ़ाकर 50 हजार रुपये जुर्माना जमा करने की नोटिस भेजी जा रही है।
जीएसटी एक्ट की धारा 125 में खरीद और बिक्री का रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर अधिकतम 50 हजार रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान है। राज्य कर अधिकारियों को उनके विवेक के अनुसार, न्यूनतम जुर्माना लगाने का अधिकार इसी एक्ट में दिया गया है। अब राज्य कर विभाग ने जीएसटी एक्ट की धारा 125 में अधिकतम जुर्माना राशि लगाए जाने के वैकल्पिक प्रावधान को अनिवार्य रूप से लागू कर दिया है।