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blister-like rashes on the body of a person infected with monkeypox.blister-like rashes on the body of a person infected with monkeypox.

दुनियाभर में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के अब तक कुल 102,997 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 223 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से आधे से अधिक मामले अफ्रीकी देशों के थे।

नई दिल्ली। (Advisory on MPOX) दिल्ली में मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) का पहला संदिग्ध केस सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना जैसी एडवाइजरी जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के अब तक कुल 102,997 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 223 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से आधे से अधिक मामले अफ्रीकी देशों के थे।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा द्वारा जारी की गई इस एडवाइजरी में कहा गया है कि हवाई अड्डों पर भी सतर्कता बढ़ाई जाएगी। मंकीपॉक्स (Monkeypox) के संदिग्ध मरीज के सामने आने पर तुंरत उसकी जांच की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को संदिग्ध मंकीपॉक्स मरीजों की जांच करने, संक्रमण की पुष्टि होने पर आइसोलेट करने और संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए संपर्क का पता लगाने की सलाह दी है।

एडवाइजरी में कहा गया है कि एनआईवी पुणे की जांच में एक भी पुष्ट मामला सामने नहीं आया है। हवाई अड्डों पर संदिग्ध मरीज मिलने पर तुरंत स्वास्थ्य जांच कराने का निर्देश दिया गया है। राज्य एड्स नियंत्रण समितियों से भी मंकीपॉक्स के संबंध में जागरूकता बढ़ाने की अपील की गई है। एडवाइजरी में संदिग्ध और पुष्ट मामलों के सामने आने पर आइसोलेट करने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। संदिग्ध मरीज की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करने की  सलाह दी गई है। एडवाइजरी में कहा गया कि अधिकांश मामले 18 से 44 साल के बीच के पुरुषों के हैं। यह वायरस सबसे अधिक यौन संपर्क से फैला, इसके बाद अन्य माध्यमों से एक-दूसरे में फैला है। अगर लक्षण की बात करें तो दाने और बुखार आना देखा गया है। करीब आधे मामलों में मरीज एचआईवी से संक्रमित भी मिले हैं।

अफ्रीका बना एमपॉक्स का हॉटस्पॉट

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, दिल्ली में मिले पहले संदिग्ध मरीज को अस्पताल में रखा गया है। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। उसके नमूनों की जांच की जा रही है। मंकीपॉक्स को एमपॉक्स के नाम से जाना जाता है। पिछले कई वर्षों से अफ्रीका के कुछ देशों में इस वायरस ने कहर बरपा रखा है। मगर 2022 में यह वायरस वैश्विक चिंता के तौर पर उभरा। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है।

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