त्र्यम्बकेश्वर : कुण्ड में विराजे ब्रह्मा, विष्णु, महेश
त्र्यम्बकेश्वर मन्दिर काले पत्थरों से बना है। मंदिर का स्थापत्य अद्भुत है। इस प्राचीन मन्दिर का पुनर्निर्माण तीसरे पेशवा बालाजी अर्थात नाना साहब पेशवा ने करवाया था। इसका जीर्णोद्धार वर्ष…
त्र्यम्बकेश्वर मन्दिर काले पत्थरों से बना है। मंदिर का स्थापत्य अद्भुत है। इस प्राचीन मन्दिर का पुनर्निर्माण तीसरे पेशवा बालाजी अर्थात नाना साहब पेशवा ने करवाया था। इसका जीर्णोद्धार वर्ष…
Omkareshwar: ओंकारेश्वर में दो ज्योतिस्वरूप लिंगों सहित 108 प्रभावशाली शिवलिंग हैं। स्कन्द पुराण, शिवपुराण और वायुपुराण में ओंकारेश्वर की महिमा का वर्णन है। हिन्दुओं में सभी तीर्थों के दर्शन के…
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस चामुण्डी पहाड़ी पर श्री चामुण्डेश्वरी मन्दिर स्थित है, उसी स्थान पर माता चामुण्डा ने महिषासुर का वध किया था। यह तीर्थ स्थान 18 महा शक्तिपीठों…
Lepakshi Temple : लेपाक्षी मंदिर के इष्टदेव भगवान शिव का क्रूर रूप वीरभद्र हैं। वीरभद्र महाराज दक्ष के यज्ञ के बाद अस्तित्व में आये थे। भले ही यह मन्दिर भगवान…
सुरकण्डा पहाड़ी (Surkanda Hill) टिहरी जनपद के पश्चिमी भाग में 2756 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सुरकण्डा मन्दिर के लिए जानी जाती है। यह मसूरी- चम्बा मोटर मार्ग पर पर्यटन…
Chennakeshava Temple :चेन्नाकेशव मन्दिर चेन्नाकेशव स्वामी (भगवान विष्णु) को समर्पित है। चेन्नाकेशव का अर्थ है सुन्दर (चेन्ना) विष्णु (केशव)। सोप स्टोन (स्टीटाइट) से बने इस मन्दिर की नक्काशी असाधारण और…
परशुराम महादेव गुफा मन्दिर का निर्माण एक ही चट्टान को काट कर किया गया है। गुफा का ऊपरी भाग गाय के थन के समान प्रतीत होता है। गर्भगृह में भगवान…
मुरुदेश्वर मन्दिर (Murudeshwar Temple) कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले के भटकल तालुका में भटकल नगर से लगभग 13 किलोमीटर दूर अरब सागर तट पर स्थित है। समुद्र ने इसे तीन…
एकाम्बरेश्वर मन्दिर का निर्माण सातवीं शताब्दी में चोल साम्राज्य के राजा पल्ल्व ने करवाया था। करीब 25 एकड़ के विशाल परिसर में स्थित यह मन्दिर 11 मन्जिल ऊंचा है और…
Devprayag : उत्तराखण्ड में पवित्र नदियों के संगमों पर देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग, नन्दप्रयाग, कर्णप्रयाग और विष्णुप्रयाग स्थित हैं जिन्हें पंच प्रयाग कहते हैं। देवप्रयाग इन पंच प्रयागों में सबसे श्रेष्ठ और…