Fri. Nov 22nd, 2024

Category: Religion

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग : सह्याद्रि पर्वत पर विराजित मोटेश्वर महादेव

Bhimashankar Jyotirling: वास्तुकला की नगाड़ा शैली में बनाया गया भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मन्दिर श्रद्धालुओं के लिए प्रातः पांच बजे से रात्रि के 9:30 बजे तक खुला रहता हैं। सोमवार के प्रदोषम,…

Vaidyanath Jyotirlinga : वैद्यनाथ : चिता भूमि पर शिव का धाम

Vaidyanath Jyotirlinga: श्री शिव महापुराण के अनुसार झारखण्ड के जसीडीह रेलवे स्टेशन के समीप स्थित देवघर का श्री वैद्यनाथ शिवलिंग ही वास्तविक वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग है। द्वादश ज्योतिर्लिंग की गणना के…

महाकालेश्वर : यहां दक्षिणमुखी होकर विराजमान हैं कैलासपति

Mahakaleshwar Jyotirlinga : स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव (Mahakaleshwar Mahadev) की अत्यन्त पुण्यदायी महत्ता है। ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से ही मोक्ष की…

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग : यहां शाप मुक्त हुए थे चन्द्रदेव

Somnath Jyotirlinga : सोमनाथ मन्दिर (Somnath Temple) तीन प्रमुख भागों में विभाजित है- गर्भगृह, सभामण्डप और नृत्यमण्डप। इसका शिखर 150 फुट ऊंचा है। शिखर पर स्थित कलश का वजन 10…

Mallikarjuna Jyotirlinga : मल्लिकार्जुन : श्रीशैल पर्वत यानी दक्षिण भारत का कैलास

Mallikarjuna Jyotirlinga: पुराणों में वर्णित है कि अपने नाराज ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय को मनाने कि लिए भगवान शिव अपनी पत्नी देवी पार्वती के साथ दक्षिण भारत में पहुंचे। यहां वे…

Madmaheshwar Temple: मद्महेश्वर : यहां होता है भगवान शिव की नाभि का पूजन

Madmaheshwar Temple: मद्महेश्वर क्षेत्र हिमालय के बिल्कुल पास है और यहां सर्दी के मौसम में हाड़ कंपा देने वाली ठण्ड पड़ती है। मई से अक्टूबर के बीच यहां की यात्रा…

घृष्‍णेश्‍वर ज्योतिर्लिंग : परम भक्त घुष्मा की प्रार्थना पर यहां विराजे शिवजी

Grishneshwar : घृष्‍णेश्‍वर मन्दिर में गर्भगृह का आकार 17 गुणा 17 फीट है जो अन्य ज्योतिर्लिंग मन्दिरों के गर्भगृहों की अपेक्षा अधिक बड़ा है। इस कारण श्रद्धालुओं को पूजन और…

चेन्नाकेशव मन्दिर बेलुरु: होयसल वास्तुकला का रत्न

Chennakeshava Temple Beluru: होयसल वंश के राजा विष्णुवर्धन ने 1116 ईसवी में चोलों पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में चेन्नाकेशव मन्दिर (Chennakesava Temple Beluru) का निर्माण करवाया था। माना जाता…

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग : विष हरने वाले भगवान

Shri Nageshwar Jyotirlinga: नागेश्वर मन्दिर विष और विष से सम्बन्धित रोगों से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है। नागेश्वर शिवलिंग (Nageshwar Shivalinga) गोल काले पत्थर वाली द्वारका शिला पर त्रि-मुखी रुद्राक्ष…

होयसलेश्वर : ऐसा मन्दिर जो 90 साल बनने के बाद भी रहा अधूरा

Hoysaleshwara Temple : बारहवीं सदी के होयसलेश्वर मन्दिर को हेलीबीडु मन्दिर भी कहा जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित है। इसका निर्माण होयसल साम्राज्य के अधिपति महाराजा विष्णुवर्धन…