Sat. Apr 19th, 2025

Category: Life style

श्री गोविन्दजी मन्दिर : इसके गुम्बदों पर जड़ा है सोना

वास्तुकला की पारम्परिक नागर शैली में निर्मित श्री गोविन्दजी मन्दिर (Shri Govindji Temple) को बनाने में ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में है और दो…

श्री सिद्धिविनायक गणपति मन्दिर : मनोकामना पूरी करने वाले बप्पा

श्री सिद्धिविनायक गणपति मन्दिर का निर्माण सम्वत् 1692 में हुआ था लेकिन सरकारी दस्तावेजों के अनुसार इसका निर्माण पहली बार नवम्बर 1801 में हुआ था। शुरुआत में यह मन्दिर बहुत…

श्री रंगनाथस्वामी : विश्व का दूसरा सबसे बड़ा क्रियाशील हिन्दू मन्दिर

भगवान श्री रंगनाथस्वामी को समर्पित श्री रंगनाथस्वामी मन्दिर 108 दिव्य देशमों में से प्रथम माना जाता है। Sri Ranganathaswamy Temple परिसर अपने आप में किसी नगर से कम नहीं है।…

अपर्णा शक्तिपीठ : यहां गिरी थी माता सती की पायल

Aparna Shaktipeeth: अपर्णा शक्तिपीठ शेरपुर बोगुरा स्टेशन से 28 किलोमीटर दूर है। इसकी शक्ति है अर्पण और भैरव हैं वामन। यहां भैरव रूप भगवान शिव के दर्शन करने के पश्चात…

बेफिक्र होकर खाइए टिड्डे, झींगुर और पतंगे: सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने बताया 16 कीड़ों को सुरक्षित

सरकारी स्वीकृति के साथ ही 16 तरह के कीड़े बहुजातीय संप्रभु द्वीप देश सिंगापुर और नगर-राज्य सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी और भारतीय व्यंजनों सहित वैश्विक खाद्य पदार्थों के…

Shukratirtha: शुक्रतीर्थ : सम्राट परीक्षित ने यहीं सुनी थी भागवत कथा

Shukratirtha: यहां एक वट वृक्ष है। कहा जाता है कि करीब 5000 साल पहले ऋषि शुकदेव महाराज ने पाण्डव धनुर्धर अर्जुन के पौत्र सम्राट परीक्षित को श्राप से मुक्ति दिलाने…

त्रिपुर सुन्दरी शक्तिपीठ : देवी ललिता ने यहीं थामा था सुदर्शन चक्र

Tripur Sundari Shaktipeeth: ललिता देवी (Devi Lalita) का पादुर्भाव तब हुआ जब भगवान विष्णु द्वारा छोड़े गये सुदर्शन चक्र के प्रहार से पाताल समाप्त होने लगा। धरती धीरे-धीरे जलमग्न होने…

Gandaki Shaktipeeth: गण्डकी शक्तिपीठ : हिमालय की गोद में माता के दिव्य दर्शन

Gandaki Shaktipeeth: गण्डकी शक्तिपीठ ही वह स्थान है जहां माता सती के दक्षिण गण्ड (कपोल या गाल) का निपात हुआ था। यहां गण्डकी नदी (Gandaki River) में स्नान के बाद…

What is etiquette : कैसा होता है शिष्टाचार, धर्मव्याध ने कौशिक ब्राह्मण को दिया ज्ञान

What is etiquette : धर्मव्याध ने कहा, “ब्राह्मण! यज्ञ, तप, दान, वेदों का स्वाध्याय और सत्यभाषण– ये पांच बातें शिष्ट पुरुषों के व्यवहार में सदा रहती हैं। जो व्यक्ति काम,…

Narad Purana: नारद पुराण: इस कारण रूठ जाती हैं लक्ष्मी

Narad Purana: नारद पुराण में इसमें शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, गणित और छन्द-शास्त्र के विशद वर्णन के अलावा लोक-परलोक, व्रत-त्योहार, लोकाचार और गृहस्थ जीवन के नियम बताए गये हैं। इसमें…