हजार स्तम्भ मन्दिर : तीन देवताओं को समर्पित त्रिकुटालयम
हजार स्तम्भ मन्दिर यह मन्दिर हनामकोण्डा पहाड़ी की ढलानों पर स्थित है। इसकी संरचना तारे के आकार की है। इस पर काकातीय के साथ ही चालुक्य वास्तुकला का प्रभाव स्पष्ट…
हजार स्तम्भ मन्दिर यह मन्दिर हनामकोण्डा पहाड़ी की ढलानों पर स्थित है। इसकी संरचना तारे के आकार की है। इस पर काकातीय के साथ ही चालुक्य वास्तुकला का प्रभाव स्पष्ट…
हमारे सामने था वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण मेंढक मन्दिर जहां मण्डूक यानि मेंढक की पीठनुमा संरचना पर मस्तक उठाये खड़े विराट मन्दिर में विराजते हैं भगवान शिव। यहां का शिवलिंग…
विरूपाक्ष मन्दिर को विक्रमादित्य द्वितीय की पत्नी रानी लोकमाह देवी ने बनवाया था। इसको बनाने के लिए ईंट और चूने का भी इस्तेमाल किया गया है। तुंगभद्रा के दक्षिणी किनारे…
इस मन्दिर का निर्माण कच्छप राजा देवपाल ने 1323 ईस्वी (विक्रम संवत 1383) में करवाया था। यह रहस्यमयी मन्दिर इकन्तेश्वर (एकट्टसो) महादेव मन्दिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां…
बाबर ने अपनी आत्मकथा में भी इस बाग का जिक्र किया है। उसने इस बाग में नदी की तरफ तहखाने में एक कमरा बनवाया था जो गर्मी के मौसम में…