Fri. Jul 4th, 2025

Category: Heritage

लेपाक्षी : हवा में झूलते खम्भे वाला मन्दिर

Lepakshi Temple : लेपाक्षी मंदिर के इष्टदेव भगवान शिव का क्रूर रूप वीरभद्र हैं। वीरभद्र महाराज दक्ष के यज्ञ के बाद अस्तित्व में आये थे। भले ही यह मन्दिर भगवान…

चित्रदुर्ग किला : वेदवती के तट पर स्वर्णिम इतिहास

Chitradurga Fort: हलेबिड से सवेरे छह बजे रवाना होने के बाद हम करीब साढ़े चार घण्टे में चित्रदुर्ग पहुंचे। यहीं की एक पर्वतीय घाटी में है चित्रदुर्ग किला। इसको “चित्त्तलदूर्ग”…

कालिन्जर किला : यहां महादेव ने दी थी काल को मात

Kalinjar Fort कभी जयशक्ति चन्देल (जेजाकभुक्ति साम्राज्य) के अधीन था। बाद में यह दसवीं शताब्दी तक चन्देल राजपूतों और उसके बाद रीवा के सोलंकियों के अधीन रहा। दिल्ली सल्तनत के…

महाबलिपुरम : पत्थर के रथों का शहर

Mahabalipuram: तमिलनाडु के चेंगलपट्टु जिले में बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित महाबलिपुरम या मामल्लपुरम की स्थापना का श्रेय राजा नरसिंहवर्मन प्रथम को जाता है। यह अपने भव्य मन्दिरों,…

सोनारगढ़ : जैसलमेर का सोने की तरह दमकता किला

रावल जैसल भाटी ने 1155 में सोनारगढ़ किले (Sonargarh Fort) का निर्माण कार्य शुरू कराया और उनके पुत्र व उत्तराधिकारी शालिवाहन द्वितीय के कार्यकाल में यह तैयार हुआ। पीले पत्थरों…

Mystery of the pyramids: कैसे हुआ था पिरामिडों का निर्माण, शोधकर्ताओं ने सुलझा लिया साढ़े चार हजार साल पुराना रहस्य

यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना की ओर से जारी बयान के अनुसार, शोध टीम ने यह भी पाया कि “कई पिरामिडों (Pyramids) में सड़कें थीं जो अहरामत शाखा के प्रस्तावित नदी…

चेन्नाकेशव मन्दिर : होयसल वास्तुकला की अनुपम कृति

Chennakeshava Temple :चेन्नाकेशव मन्दिर चेन्‍नाकेशव स्वामी (भगवान विष्णु) को समर्पित है। चेन्नाकेशव का अर्थ है सुन्दर (चेन्ना) विष्णु (केशव)। सोप स्टोन (स्टीटाइट) से बने इस मन्दिर की नक्काशी असाधारण और…

अढ़ाई दिन का झोपड़ा : मोहम्मद गोरी की करतूत का मूक गवाह

मोहम्मद गोरी ने तराईन के युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद उनकी राजधानी तारागढ़ (अजमेर) पर हमला किया। यहां स्थित संस्कृत विद्यालय के उपरी ढांचे को तोड़कर मस्जिद…

एकाम्बरेश्वर : तीर्थ-नगर कांचीपुरम का एक हजार खम्भों वाला मन्दिर

एकाम्बरेश्वर मन्दिर का निर्माण सातवीं शताब्दी में चोल साम्राज्य के राजा पल्ल्व ने करवाया था। करीब 25 एकड़ के विशाल परिसर में स्थित यह मन्दिर 11 मन्जिल ऊंचा है और…

जोधपुर : थार मरुस्थल की “नीली नगरी”

मारवाड़ रजवाड़े की प्राचीन राजधानी मण्डोर थी। राठौड़ राजवंश के राव जोधा ने 1459 में जोधपुर की स्थापना कर इसे राजधानी बनाया। अब यह राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर…