इलायची दो प्रकार की होती है- हरी या छोटी और बड़ी इलायची। दोनों तरह की इलायचियों का उपयोग मसाले और मेडिसिन के लिए किया जाता है। जहां बड़ी इलायची व्यंजनों को लजीज बनाने के लिए एक मसाले के रूप में प्रयुक्त होती है, वहीं हरी इलायची मिठाइयों की खुशबू बढ़ाती है।
न्यूज हवेली लाइफस्टाइल डेस्क
मसालों की महारानी कही जाने वाली इलायची (Cardamom) को आमतौर पर मुखशुद्धि के लिए अथवा मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, इसकी महत्ता केवल यहीं तक सीमित नहीं है। यह औषधीय गुणों की खान है। संस्कृत में इसे एला कहा जाता है। यह दो प्रकार की आती है- हरी या छोटी इलायची (Green Cardamom) और बड़ी इलायची (Black Cardamom)। दोनों तरह की इलायची (Cardamom) का उपयोग मसाले और मेडिसिन के लिए किया जाता है। जहां बड़ी इलायची व्यंजनों को लजीज बनाने के लिए एक मसाले के रूप में प्रयुक्त होती है, वहीं हरी इलायची मिठाइयों की खुशबू बढ़ाती है। मेहमानों की आवभगत में भी इलायची का इस्तेमाल होता है। अरोमाथेरेपी में भी इलायची के तेल का प्रयोग किया जाता है। भारत में इसके बीजों का उपयोग अतिथि सत्कार, मुखशुद्धि तथा पकवानों को सुगंधित करने के लिए होता है। इलायची पाचनवर्धक और रुचिवर्धक होती हैं।
इलायची एक मसाला है जो अदरक परिवार का हिस्सा है। आयुर्वेद के अनुसार इलाचयी शीतल, तीक्ष्ण, मुख को शुद्ध करने वाली, पित्तजनक तथा वात, श्वास, खांसी, बवासीर, क्षय, वस्तिरोग, सुजाक, पथरी, खुजली, मूत्रकृच्छ और हृदयरोग में लाभदायक है। पित्ताशय की पथरी के रोगियों को खाने में स्वाद बढ़ाने के अलावा इलायची का सेवन नहीं करना चाहिए। इलायची की तासीर ठंडी होती है इसलिए गर्मियों में इसका पानी बहुत लाभ पहुंचाता है। इसके कई सारे फायदे हैं जिन्हें आज विस्तार से जानते हैं-
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पाचन क्रिया में लाभदायक
इलायची में कई ऐसे तत्व होते हैं जो पाचन क्रिया में मदद करते हैं | यह हमारे बाईलसेक्रेसन को बढ़ाती है और गैस्ट्रिक डिसऑर्डर को दूर करती है।
हृदय को तंदरुस्त रखती है इलायची
इलायची धमनियों में कोलेस्ट्राल को नियंत्रित करती है और हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को राहत देती है। यह ब्लड प्रोफाइल में सुधार लाती है। इलाइची शरीर में पाए जाने वाले फ्री रेडिकल्स को भी शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है।
सांस सम्बन्धी रोगों में सहायक
इलायची और लौंग एक साथ लेने में यह आपकी श्वांस क्रिया (Breathing process) को सपोर्ट करती है। यह सांस नली को साफ करती है और खांसी, सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा के लक्षणों में राहत देती है।
अवसाद को कम करता है इलाइची
इलायची के एक्टिव तत्व हर्मोन में तुरंत बदलाव लाते हैं। इससे आप ताजगी महसूस करते हैं। इसके लिए आप एक इलायची चबाएं या फिर इलाइची वाली चाय पी सकते हैं।
माउथ इन्फेक्शन को करे दूर
इलायची आपके माउथ इन्फेक्शन को दूर करने के साथ ही और मुह की दुर्गन्ध और अल्सर को भी खत्म करती है। सांस की दुर्गन्ध से बचने के लिए रोजाना एक इलायची चबानी चाहिए। अगर आपके मुँह में छाला या कोई अन्य रोग है तो इलायची का सेवन आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। इसके लिए एक घंटे के अंतराल में दो से तीन इलायची चबाएं। दो दिनों के भीतर छाले से राहत मिल जाएगी।
केले की बदहजमी दूर करे इलायची
यदि आपने ज्यादा केले खा लिये हों और पेट फूला हुआ-सा महसूस हो रहा हो तो आप तुरंत एक इलायची चबा लें। इससे केले जल्दी पच जायेंगे और पेट हल्का हो जायेगा।
यौन समस्याओं से दिलाए राहत
इलायची को शहद और दूध के साथ लेने से कई प्रकार की यौन समस्याओं जैसे यौन दुर्बलता, शीघ्रपतन आदि से छुटकारा पा सकते हैं| इसके लिए 4 से 5 इलायचियों के दानों को बारीक पीस लें और रात को सोते समय एक गिलास दूध में इलायची पाउडर और शहद मिलाकर पियें। कुछ ही दिनों में असर दिखना शुरू हो जाएगा
पैरों की सूजन करे कम
पैरों के सूजन को कम करने के लिए इलायची का उपयोग कारगर साबित होता है। यह सूजन को बड़ी ही आसानी से कम कर सकती है | इलायची को दूध में उबालकर पीने से आपके पैरों की सूजन कम होती है।
सर्दी–खांसी से दिलाए राहत
अगर आपको सर्दी-खांसी या गले में खरास की समस्या है तो आप इलायची का सेवन करके इस समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके लिए रात को सोते वक्त इलायची चबाकर गरम दूध या पानी पी लें। इसके अलावा आप इलायची को दूध में उबाल कर भी पी सकते हैं।
तनाव कम करती है इलायची
अगर आप अवसाद या तनाव से पीड़ित हैं तो इलायची का सेवन आपके लिए बहुत ही बढ़िया साबित हो सकता है। इसके लिए आप इलायची की चाय पी सकते हैं या फिर इलायची को अपने मुंह में रख सकते हैं।
एनीमिया में कारगर है इलाइची
अगर आपको एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या है तो आप इलायची खाकर इस समस्या से राहत पा सकते हैं। एक गिलास गर्म दूध में दो इलायचियों के दानों का चूर्ण और आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर इस दूध को रोज रात में पीने से एनीमिया में राहत मिलती है। स्वाद में परिवर्तन लाने के लिए आप थोड़ी सी बांस मिश्री भी मिला सकते हैं
किडनी के रोगों में है सहायक
किडनी यानी गुर्देके रोगों में इलायची का प्रयोग मूली के रस के साथ करें। मूली के मुलायम 4-6 पत्ते और एक इलायची को मिक्सी से जूस बनाकर नियमित पीने से किडनी की समस्याओं में राहत मिलती है।
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जी मितलाने और चक्कर आने में लाभदायक
सफर के दौरान या किसी अन्य कारण से जी मितलाने या चक्कर आने पर आप एक इलायची को मुख में रखकर कुछ देर तक चबायें, इससे काफी राहत मिलती है।
बॉडी डीटोक्स करे
इलायची का नियमित सेवन हमारे शरीर के विषाक्त पदार्थ को शरीर से बाहर निकालता है।
कैंसर की रोकथाम करती है इलायची
काली या जिसे बड़ी इलायची भी कहते हैं का उपयोग कैंसर की समस्या को रोकने में मदद करता है क्योंकि यह कैंसर की कोशिकाओं का बनना कम करती है
मुख शुद्धि का है आधार
मुख से आने वाली दुर्गन्ध हमे समाज में नीचा दिखाती है। इस दुर्गन्ध से मुक्ति पाने का कारगर उपाय है इलायची का उपयोग करना। भोजन करने के बाद अक्सर व्यवहार में लायी जाने वाली इलायची आपके मुख से आने वाले दुर्गन्ध को दूर कर देती है। इसलिए कुछ भी खाने के बाद एक इलायची खाना कभी भी न भूलें।