Sat. Apr 19th, 2025
court decision

याची के वकीलों ने अदालत में कहा कि केंद्र सरकार के परिवारिक पेंशन नियम के अनुसार पहली पत्नी को ही परिवारिक पेंशन मिलनी चाहिए।

प्रयागराज।  (Only first wife is entitled to get pension) इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि पहली पत्नी ही पेंशन पाने की हकदार। यह फैसला सुनाते हुए अदालत ने तीन शादियां करने वाले मुस्लिम कर्मचारी की पहली पत्नी को पेंशन का भुगतान करने पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के कुलपति को दो माह में निर्णय लेने का आदेश दिया है। कर्मचारी की पहली पत्नी सुल्ताना बेगम की याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने यह आदेश दिया।

सुल्ताना बेगम के पति मोहम्मद इशाक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। उन्होंने तीन शादियां की थीं। दूसरी पत्नी की मौत हो गई है। मोहम्मद इशाक की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन तीसरी पत्नी शादमा को मिलने लगी। सुल्ताना बेगम ने पेंशन के लिए एएमयू के कुलपति को पत्र लिखकर उसे पारिवारिक पेंशन देने की प्रार्थना की। सुनवाई नहीं होने पर उसने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।

सुल्ताना बेगम के वकीलों डीसी द्विवेदी और शशि धर द्विवेदी का कहना था कि गुवाहाटी हाई कोर्ट की फुल बेंच के फैसले (मुस्त जुनुफा बीबी बनाम मुस्त पद्मा बेगम) में अदालत ने तय किया है कि मुस्लिम लॉ में पहली पत्नी को ही परिवारिक पेंशन पाने का अधिकार है। केंद्र सरकार के परिवारिक पेंशन नियम के अनुसार भी पहली पत्नी को ही परिवारिक पेंशन मिलनी चाहिए।

हाई कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद एएमयू के कुलपति को दो महीने के अंदर याची सुल्ताना बेगम और विपक्षी को सुनकर फैसला लेने का निर्देश दिया।

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