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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट का आदेश, GRAP 4 कार्यान्वयन की निगरानी के लिए विशेष टीमें गठित करने को कहा।

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नई दिल्ली। (Ban on sale of firecrackers in Uttar Pradesh and Haryana) सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी अगले आदेश तक पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मामले में सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को होगी।

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों के पूरे साल भंडारण और बिक्री पर रोक लगा दी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “इसका असर तभी पड़ेगा, जब एनसीआर के दूसरे शहरों में भी ऐसी ही रोक हो। इसलिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा भी ऐसा करें।”

दिल्ली के प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में 3800 टन से अधिक अनुपचारित ठोस अपशिष्ट पर आश्चर्य व्यक्त किया। साथ ही दिल्ली सरकार और एमसीडी से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से निपटने के लिए नए उपाय अपनाने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अनुपालन पर दिल्ली सरकार से बेहतर हलफनामा भी मांगा।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान को दिल्ली की तरह पूर्ण पटाखा प्रतिबंध लागू करने को कह। शीर्ष अदालत ने SC ने एनसीआर वाले राज्यों की सरकारों से GRAP 4 कार्यान्वयन की निगरानी के लिए विशेष टीमें गठित करने को कहा है।

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए केंद्र द्वारा गठित समिति ने प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता में आई गिरावट के बीच बीते सोमवार को चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत कई प्रतिबंधों को प्रभावी किया गया था।

दिल्ली में इन वाहनों पर रोक

जीआरएपी (GRAP) के तीसरे चरण के तहत दिल्ली में बीएस-4 या उससे पुराने मानक वाले डीजल चालित गैर-जरूरी मध्यम आकार के मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। दिल्ली के बाहर पंजीकृत बीएस-4 या उससे पुराने मानक वाले डीजल चालित गैर-जरूरी हल्के वाणिज्यिक वाहनों को भी शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं है।

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