आयुर्वेद में अतिबला के चूर्ण को बड़ा महत्व दिया जाता है। यह कई पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है जो हमारे शरीर में कई तरह के सूक्ष्म तत्वों की कमी की दूर कर हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है।
पंकज गंगवार
हमारे घर के एक गमले में एक पौधा खरपतवार के रूप में उग रहा था। जब उसे उखाड़ने चला तो उसका बल और जिजीविषा देखकर ठहर गया। सोचा, चलो इसे बढ़ने देते हैं। शीघ्र ही यह पौधा उस गमले में लगे मूल पौधे से बड़ा हो गया। हम में से बहुत से लोगों ने यह पौधा अपने आसपास, सड़कों के किनारे और खेतों में खरपतवार के रूप में उगा हुआ देखा होगा लेकिन बहुत ही कम लोग इसका असली नाम जानते हैं। दरअसल, इसका नाम है अतिबला। इसे खरेंटी भी बोलते हैं। यह एक औषधीय पौधा है जिसके बहुत सारे औषधीय उपयोग हैं। इनमें से कुछ के बारे में मैं इस आलेख में बताऊंगा।
अतिबला का पौधा एक जड़ी-बूटी है। यह काफी वर्षों तक हराभरा रहने वाला झाड़ीदार पौधा है। इसके रोएं कोमल, सफेद आभा लिये और मखमली होते हैं। इसके तने गोल और बैंजनी रंग के होते हैं। मेरी मां ने मुझे बताया की बचपन में वह इसके फल को स्याही में डुबो कर कॉपी पर फूल की डिज़ाइन बनाती थीं।
आयुर्वेद में अतिबला के चूर्ण को बड़ा महत्व दिया जाता है। यह कई पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है जो हमारे शरीर में कई तरह के सूक्ष्म तत्वों की कमी की दूर कर हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है। आमतौर पर यह पौधा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में खेतों के आसपास लगा मिल जाता है। इसके बीज किसी भी पंसारी की दुकान मिल जाते हैं।
शरीर में शक्ति स्फूर्ति बढ़ाए
अतिबला के बीजों को पकाकर खाने से शरीर में ताकत बढ़ती है। इसकी जड़ की छाल को पीसकर दूध में उबालें। इसमें घी मिलाकर पीने से भी शरीर में शक्ति बढ़ती है।
बवासीर में लाभकारी
अतिबला के पत्तों को पानी में उबाल कर और उसमें अच्छी तरह से मिला कर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में उचित मात्रा में ताड़ का गुड़ मिलाकर पीयें। इससे बवासीर में लाभ होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
अतिबला के बीज 4 से 8 ग्राम सुबह-शाम मिश्री मिले गर्म दूध के साथ खाने से कमज़ोरी को समाप्त होकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती बै।
पेट की समस्या
अतिबला के पत्तों को देसी घी में मिलाकर दिन में दो बार पीने से पित्त के वजह से उत्पन्न दस्त की समस्या में तेजी से लाभ मिलता है।
बार-बार पेशाब आना
अतिबला की जड़ की छाल का चूर्ण यदि चीनी के साथ सेवन करें तो पेशाब के बार-बार आने की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
शीघ्रपतन-धातुक्षीणता
शीघ्रपतन की समस्या में अतिबला की जड़ का चूर्ण अत्यन्त लाभकारी है। इसका पांच ग्राम चूर्ण सुबह खाली पेट पानी के साथ एक सप्ताह लेने पर ही काफी लाभ मिलता है।
सफेद पानी जाना
महिलाओं की ल्यूकोरिया यानी सफ़ेद पानी जाने की समस्या में अतिबला अत्यन्त लाभकारी है। अतिबला के बीजों के पाउडर को एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साथ सेवन कर दूध पीने से सफ़ेद पानी जाने की समस्या दूर हो जाती है।
(लेखक पोषण विज्ञान के गहन अध्येता होने के साथ ही न्यूट्रीकेयर बायो साइंस प्राइवेट लिमिटेड (न्यूट्री वर्ल्ड) के चेयरमैन भी हैं)