संभल में 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के आने पर प्रतिबंध है। रोक के बावजूद राहुल और प्रियंका संभल जाकर बवाल में मारे गए लोगों के परिवारीजनों से मिलना चाहते थे।
नई दिल्ली। कांगेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की उत्तर प्रदेश के संभल जाने की सारी कोशिशें बुधवार को नाकाम हो गईं। पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर ही उनका काफिला रोक दिया जिसके बाद वे वापस दिल्ली। हिंसा प्रभावित संभल में 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के आने पर प्रतिबंध है। रोक के बावजूद राहुल और प्रियंका संभल जाकर बवाल में मारे गए लोगों के परिवारीजनों से मिलना चाहते थे।
राहुल गांधी ने कहा, “हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पुलिस इजाजत नहीं दे रही है। विपक्ष के नेता के तौर पर जाना मेरा अधिकार है लेकिन फिर भी वे मुझे रोक रहे हैं। मैंने कहा कि मैं अकेले जाने को तैयार हूं, मैं पुलिस के साथ जाने को तैयार हूं लेकिन वे इस पर भी राजी नहीं हुए। अब वे कह रहे हैं कि अगर हम कुछ दिनों में वापस आते हैं तो वे हमें जाने देंगे।”
राहुल ने आगे कहा, ”यह विपक्ष के नेता के अधिकारों के खिलाफ है, उन्हें मुझे जाने देना चाहिए। यह संविधान के खिलाफ है, हम सिर्फ संभल जाना चाहते हैं, लोगों से मिलना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि वहां क्या हुआ। मुझे मेरे संवैधानिक अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं। यह नया भारत है, यह संविधान को नष्ट करने वाला भारत है, हम लड़ते रहेंगे।”
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, उनका संवैधानिक अधिकार है उन्हें इस तरह से रोका नहीं जा सकता। उनका संवैधानिक अधिकार है उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए कि वो पीड़ितों से मिलने जाए। वह यूपी पुलिस के साथ अकेले चले जाएंगे लेकिन यह भी करने के लिए तैयार नहीं हुए। पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है।”
अखिलेश यादव ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
सपा पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “प्रशासन ने भाजपा के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया। किसी भी पार्टी के नेता को वहां (संभल) जाने नहीं दिया जा रहा है। वे क्या छिपाना चाहते हैं? प्रशासन की भाषा देखिए। क्या लोकतंत्र में अधिकारियों को इस तरह का व्यवहार और भाषा की अनुमति दी जा सकती है? पता नहीं वे 10 तारीख तक क्या-क्या छिपाएंगे और कितना दबाव बनाएंगे। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में पुलिस सिर्फ लोगों को फंसाने का काम कर रही है, न्याय दिलाने का नहीं।”
कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा, “सरकार हमें क्यों रोक रही है? वे क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें किस बात का डर है? विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें यह देखने का अधिकार है कि देश में क्या चल रहा है। संभल में जो घटना हुई वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। लोगों की हत्या हुई है, कौन जिम्मेदार है? अगर नेता प्रतिपक्ष मौके पर नहीं जाएंगे तो वह इस मुद्दे को संसद में कैसे रखेंगे? हम संभल के हालात देखना चाहते हैं लेकिन सरकार हमें क्यों रोक रही है? क्या यह तानाशाही नहीं है? राहुल गांधी जरूर संभल जाएंगे और पीड़ित परिवारों से मिलेंगे और उनकी आवाज उठाएंगे।”