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allahabad high court

पुलिस के लिए गाइडलाइन की मांग पर हस्तक्षेप से इनकार करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार द्वार गठित न्यायिक आयोग मामले की जांच कर रहा है।

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प्रयागराज। (PIL rejected in Sambhal violence case) इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल हिंसा मामले में दायर जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी है। पुलिस के लिए गाइडलाइन की मांग पर हस्तक्षेप से इनकार करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार द्वार गठित न्यायिक आयोग मामले की जांच कर रहा है। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया है।

अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने हाई कोर्ट को सरकार द्वारा हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग गठित करने की जानकारी दी। इसके बाद याची अधिवक्ता ने पुलिस के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग पर बल दिया। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि आयोग की जांच हो रही है। याची चाहे तो उचित फोरम पर बात रख सकता है। इस पर याची के अधिवक्ता ने याचिका वापस लेने की प्रार्थना की जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।

याचिका  पर शासकीय अधिवक्ता एके सण्ड, सीबीआई की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता डिप्टी सालिसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश व संजय यादव ने भी पक्ष रखा। याचिका में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर आयुक्त मुरादाबाद, डीएम, एसपी संभल, एसडीएम चंदौसी, सीओ संभल व एडवोकेट कमिश्नर टीम के सदस्यों की फसाद में भूमिका की जांच कर रिपोर्ट पेश करने को समादेश जारी करने की मांग की गई थी। साथ ही यह भी कहा गया था कि स्वतंत्र जांच एजेंसी संभल घटना में राज्य सरकार और प्रशासन की भूमिका की भी जांच करे। यह याचिका वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार आनंद प्रकाश तिवारी ने दाखिल की थी।

संभल हिंसा में 4 युवकों की हुई थी मौत

संभल में 24 नवंबर की सुबह शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। तमाम लोग जामा मस्जिद के पीछे वाले रोड पर एकत्र होने लगे थे। भीड़ बेकाबू हो गई और पुलिस पर पथराव के साथ फायरिंग शुरू कर दी। वाहनों में आग भी लगाई। बमुश्किल पुलिस ने हालात पर काबू पाया था। हिंसा में 4 युवकों की मौत हो गई थी।

पुलिस की टीमों ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य फोटो के माध्यम से उपद्रवियों की पहचान की। कुछ उपद्रवी पहचान छिपाकर निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। हालांकि, कोतवाली पुलिस अभी तक सबूतों के आधार 3 महिलाओं समेत 30 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। संभल कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को हिंसा में वांछित चल रहे नखासा थाना क्षेत्र के मुहल्ला शहबाजपुरा निवासी अजीम और नखासा के बड़ा बाजार निवासी हसन को उनके घर से गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि ये दोनों हिंसा में घायल हुए थे और पहचान छिपाकर अपना इलाज मुरादाबाद के निजी अस्पताल में करा रहे थे।

 

9 thought on “संभल हिंसा मामले में जनहित याचिका खारिज, हाई कोर्ट का पुलिस के लिए गाइडलाइन की मांग पर हस्तक्षेप से इनकार”
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