Fri. Apr 11th, 2025
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Longxiang Falls: लांगशियांग फॉल्स Longxiang Falls) की विशेषताओं में इसकी विशालता के साथ ही यहां के प्राकृतिक नजारे भी शामिल हैं। इसके अलावा यहां वेई स्पाई के पास दो और जलप्रपात हैं जिन्हें इड-क्षिड चोंग और वी-स्पि फॉल्स कहा जाता है। मोवोम गांव और हैमलेट्स के आसपास की पहाड़ियां के घने जंगल और हरी घास की चादर से ढके ढलानमनोरम दृश्य प्रस्तुत करते हैं।

न्यूज हवेली नेटवर्क

भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की जीवनरेखा कहलाने वाली ब्रह्मपुत्र की विशाल उपनदी किन्शू यानी कृष्णाइ अपनी यात्रा के दौरान दो भागों में बंट कर एशिया का दूसरा सबसे बड़ा नदी द्वीप नोंगखनम बनाती है। लैंगचोंग (लांगशियांग) क्षेत्र के ऊपर की तरफ इसकी दोनों धाराएं फिर मिल जाती हैं। यहां से आगे यह एक घाटी से गुजरती है और विशालकाय चट्टानों से घिरा हुआ एक ताल बनाती है जिसे वी स्पीई कहा जाता है। नदी के तेज प्रवाह ने इसे गहरी खाई में बदल दिया है। यही वह पॉइन्ट है जहां किन्शू नदी का जल गर्जना करता हुआ 337 मीटर (1,106 फीट) नीचे गिरता है। प्रकृति की इसी अद्भुत संरचना को नाम दिया गया है- क्शाइद उर-नार यानी लांगशियांग जलप्रपात (Longxiang Falls)। यह भारत के सबसे ऊंचे जलप्रपातों में शामिल है।

नोहकलिकाइ के बाद लांगशियांग फॉल्स Longxiang Falls) पूर्वोत्तर के सबसे खास जलप्रपातों मे गिना जाता है। लैंगशियांग पश्चिम खासी पहाड़ियों की गोद में संगरियांग गांव के पास स्थित है। नोंगस्टोइन से यहां तक की दूरी मात्र 24 किलोमीटर रह जाती है। यह जलप्रपात इतना बडा है कि इसे मोवोन गांव से गुजरते समय भी देखा जा सकता है।

लांगशियांग फॉल्स Longxiang Falls) की विशेषताओं में इसकी विशालता के साथ ही यहां के प्राकृतिक नजारे भी शामिल हैं। इसके अलावा यहां वेई स्पाई के पास दो और जलप्रपात हैं जिन्हें इड-क्षिड चोंग और वी-स्पि फॉल्स कहा जाता है। मोवोम गांव और हैमलेट्स के आसपास की पहाड़ियां के घने जंगल और हरी घास की चादर से ढके ढलानमनोरम दृश्य प्रस्तुत करते हैं। मेघायलय भारत के सबसे अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में है। मानसून काल में किन्शू का प्रवाह अत्यधिक तेज हो जाने पर लांगशियांग फॉल्स का वेग बढ़ने के साथ ही इसकी चौड़ाई भी काफी बढ़ जाती है जिससे यह अत्यन्त सुन्दर दिखने लगता है। हालांकि मानसून के समय यहां जाना खतरनाक हो सकता है।

लांगशियांग जलप्रपात
लांगशियांग जलप्रपात

ऐसे पहुंचें लांगशियांग जलप्रपात (How to reach Langxiang Falls)

मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग से पश्चिम खासी हिल्स जिला मुख्यालय करीब 90 किलोमीटर दूर है। यहां से नोंगस्टोन करीब 17 किमी है जहां से लांगशियांग जलप्रपात Longxiang Falls)। तक पहुंचने के लिए 24 किमी का सफर और करना पड़ता है। शिलॉन्ग के बड़ापानी एयरपोर्ट के लिए गुवाहाटी, कोलकाता, इम्फाल, अगरतला आदि से उड़ानें हैं। मेंदीपाथर इस राज्य का एकमात्र रेलवे स्टेशन है जहां के लिए असम के गुवाहाटी से ट्रेन मिलती है। ऐसे में विमान यात्रा ही सबसे अच्छा विकल्प है।

मेघालय के प्रमुख जलप्रपात

नोहकलिकाइ जलप्रपात (चेरापूंजी, पूर्वी खासी हिल्स)

कयनरम फॉल्स (थांगखारंग पार्क, पूर्वी खासी हिल्स)

नोहसिंगिथियांग फॉल्स (मौसमी गांव, पूर्वी खासी हिल्स)

डैन थ्लेन जलप्रपात (चेरापूंजी)

एलीफेन्ट फाल्स (शिलॉन्ग)

बीदों जलप्रपात (शिलॉन्ग)

बिशप जलप्रपात (शिलॉन्ग)

 

 

 

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