Khirsu: अक्टूबर और नवम्बर खिर्सू में घूमने और ठहरने के लिए सबसे अच्छे महीने हैं। यहां क्लाइम्बिंग और ट्रैकिंग कर सकते हैं। यदि आप प्रकृति को उसके वास्तविक सार में अनुभव करना चाहते हैं तो विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों और पक्षियों को देखते हुए गांवों और जंगलों में घूमकर अपने दिन को आनन्दमय और यादगार बना सकते
न्यूज हवेली नेटवर्क
उत्तराखण्ड के खूबसूरत शहर श्रीनगर के होटल से हमने सवेरे सवा छह बजे चेक आउट किया और करीब 34 किलोमीटर का सफर कर पौड़ी पहुंचे तो घड़ी पौने आठ बजा रही थी। नाश्ता करने के बाद तय हुआ कि इस बार कुछ देर के लिए खिर्सू (Khirsu) अवश्य घूमा जाये। वाया निसनी हम पौन घण्टे में ही खिर्सू पहुंचे तो प्रकृति मानो सोलह श्रृंगार कर हमारा इन्तजार कर रही थी। घुमक्कड़ी के अपने अनुभवों के आधार पर कह सकता हूं कि यह उत्तराखण्ड के कुछ सबसे सुन्दर पर्यटन स्थलों में से एक है।
बांज, बुरांश और चीड़ के वृक्षों, विभिन्न प्रकार के आर्किड एवं घास के मैदानों से घिरे खिर्सू (Khirsu) में प्रकृति एक के बाद एक कई लैण्डस्केप की सर्जना करती है। यहां से मध्य हिमालय की बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखला के भव्य दर्शन होते हैं और हवा में हर समय ठण्ड घुली रहती है। इसके बावजूद यहां के बारे में लोगों को कोई खास जानकारी नहीं है। इस कारण यहां काफी कम पर्यटक पहुंचते हैं और इसे कम से कम मानवीय हस्तक्षेप वाले स्थानों में रखा जा सकता है। पर्यटकों से ज्यादा यहां पिकनिक मनाने वाले आते हैं जो प्रायः सौ-डेढ़ सौ किलोमीटर के दायरे में रहने वाले होते हैं।

यूं तो खिर्सू (Khirsu) कभी भी जा सकते हैं पर बरसात के दिनों में न जाना ही बेहतर है क्योंकि भूस्खलन होने पर आप कुछ घण्टों से लेकर कुछ दिनों तक के लिए यहां फंस सकते हैं। यदि आप हिमपात और बर्फ देखना चाहते हैं तो दिसम्बर से फरवरी तक का समय सही रहेगा। मैदानों की झुलसाने वाली गर्मी से बचने के लिए अप्रैल से जून के बीच यहां जाना ठीक रहेगा। अक्टूबर और नवम्बर यहां घूमने और ठहरने के लिए सबसे अच्छे महीने हैं। यहां क्लाइम्बिंग और ट्रैकिंग कर सकते हैं। यदि आप प्रकृति को उसके वास्तविक सार में अनुभव करना चाहते हैं तो विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों और पक्षियों को देखते हुए गांवों और जंगलों में घूमकर अपने दिन को आनन्दमय और यादगार बना सकते हैं।
ऐसे पहुंचें खिर्सू (How to reach Khirsu)
वायु मार्ग : निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट खिर्सू (Khirsu) से करीब 145 किलोमीटर पड़ता है। एयरपोर्ट से खिर्सू तक सड़क सम्पर्क काफी अच्छा है।
रेल मार्ग : कोटद्वार रेलवे स्टेशन यहां से करीब 115 किलोमीटर, ऋषिकेश रेलवे स्टेशन 129 जबकि योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन लगभग 131 किलोमीटर दूर है। पर्यटकों के लिए ऋषिकेश की ट्रेन पकड़ना ज्यादा अच्छा रहेगा जहां के लिए दिल्ली, हावड़ा, प्रयागराज, जम्मू आदि से नियमित ट्रेन सेवा है।
सड़क मार्ग : पौड़ी जिला मुख्यालय यहां से बमुश्किल 20 किमी पड़ता है। पौड़ी, ऋषिकेश, देहरादून, हरिद्वार, देवप्रयाग आदि से यहां के लिए बस, टैक्सी मिलती हैं।
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