लोकसभा से राज्यसभा तक जहां अडानी मुद्दे पर विपक्ष आक्रामक है तो वहीं अब दोनों सदनों में ट्रेजरी बेंच (संसद का वह सिटिंग एरिया है जहां सरकार के मंत्री और सत्ताधारी पार्टी के प्रमुख सदस्य बैठते हैं) भी फ्रंटफुट पर आ गया है।
नई दिल्ली। (Winter session of Parliament) संसद के चालू शीतकालीन सत्र के शुरुआती 6 में से 5 दिन की कार्यवाही अडानी मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गई तो वहीं अब जॉर्ज सोरोस को लेकर हंगामा बरपा हुआ है। दोनों ही सदन फिर से बेपटरी हो गए हैं। लोकसभा से राज्यसभा तक जहां अडानी मुद्दे पर विपक्ष आक्रामक है तो वहीं अब दोनों सदनों में ट्रेजरी बेंच (संसद का वह सिटिंग एरिया है जहां सरकार के मंत्री और सत्ताधारी पार्टी के प्रमुख सदस्य बैठते हैं) भी फ्रंटफुट पर आ गया है। दरअसल, संसद में अडानी मुद्दे से शुरू हुआ संग्राम अब जॉर्ज सोरोस पर आ गया है। संसद के शुरुआती हफ्ते में जहां विपक्ष का अडानी पर आक्रामक रवैया सदन की कार्यवाही में बाधा बना तो वहीं अब विपक्ष के इस मुद्दे का जवाब सत्तापक्ष के सदस्य जॉर्ज सोरोस के मुद्दे से दे रहे हैं।
संसद के शीतकालीन सत्र का तीसरा सप्ताह सोमवार को शुरू हुआ और सदन की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। लोकसभा और राज्यसभा में अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस और उनकी संस्थाओं के कांग्रेस नेताओं से कथित संबंधों से जुड़ी रिपोर्टों के मुद्दे पर भाजपा सांसद हमलावर नजर आए। भाजपा ने इस मुद्दे पर सदन में बहस की मांग की जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे, फिर 2 बजे और अब 3 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
जेपी नड्डा ने जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर कहा, “फोरम ऑफ़ डेमोक्रेटिक लीडर्स ऑफ़ एशिया पेसिफिक का संबंध जॉर्ज सोरोस के साथ सामने आया है। यह बहुत चिंताजनक है। फोरम ऑफ़ डेमोक्रेटिक लीडर्स ऑफ़ एशिया पेसिफिक की सह-अध्यक्ष इसी हाउस की एक सदस्य हैं। इस संगठन का फाइनेंसिंग सपोर्ट सिस्टम राजीव गांधी फाउंडेशन से भी जुड़ता है। यह भारत की छवि को धूमिल करता है।”
संसद में ऐसे शुरू हुआ सोरोस चैप्टर
संसद में सोरोस का मुद्दा आज सोमवार को गतिरोध बनकर सामने आया है लेकिन यह चैप्टर आज ही शुरू नहीं हुआ है. इसकी झलक 6 दिसंबर को ही मिल गई थी। तब अडानी मुद्दे पर हमलावर विपक्ष और कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने यह मुद्दा लोकसभा में उठाया था। निशिकांत दुबे ने सोरोस का मुद्दा उठाते हुए विपक्षी कांग्रेस से 10 सवाल पूछे थे। निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सोरोस के किसी करीबी शेट्टी के नाम का जिक्र करते हुए भी सवाल पूछा था। इसी दौरान हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित हो गई थी।
मिल गए थे हंगामे के संकेत
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही निशिकांत दुबे की सोशल मीडिया पोस्ट और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बयान से संकेत मिल गए थे कि कार्यवाही हंगामेदार रहने वाली है। निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “देश को कांग्रेस, विपक्षी दलो और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के बीच संबंधों के बारे में जानने का अधिकार है। इस मुद्दे को सदन में उठाना सांसद का अधिकार है लेकिन विपक्ष मेरी आवाज और उनके (विपक्ष) अंतरराष्ट्रीय संबंधों को दबाने की कोशिश कर रहा है। सोरोस जैसे लोग जो देश को बांटना चाहते हैं और खालिस्तान का समर्थन करते हैं।कांग्रेस पार्टी फंस गई है।”
किरेन रिजिजू ने सदन कार्यवाही शुरू होने से पहले कहा कि कुछ मुद्दे हैं जिन्हें राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। जॉर्ज सोरोस और उनके संबंध जो सामने आए हैं, हम इसे कांग्रेस पार्टी या राहुल गांधी से संबंधित मुद्दे के रूप में नहीं देखते। हमें इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। यह भारत विरोधी ताकतों से संबंधित है। हमने कांग्रेस और अन्य दलों से कहा है कि हम 13-14 दिसंबर (लोकसभा में) और 16-17 दिसंबर (राज्यसभा में) को संविधान पर चर्चा करेंगे। मैं कांग्रेस पार्टी के नेताओं और उसके कार्यकर्ताओं से अपील करना चाहता हूं कि अगर उनके नेताओं के भी भारत विरोधी ताकतों से संबंध पाए जाते हैं तो उन्हें भी अपनी आवाज उठानी चाहिए।