ईवीएम पर विपक्ष के सवालों के बीच एक वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को ईवीएम में कथित हेरफेर की योजना बनाते हुए देखा जा सकता है।
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद कुछ विपक्षी दलों की तरफ से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। अब भारत निर्वाचन आयोग (चुनाव आयोग) ने विपक्ष के दावों को खारिज कर दिया है। इधऱ, ईवीएम पर विपक्ष के सवालों के बीच एक वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को ईवीएम में कथित हेरफेर की योजना बनाते हुए देखा जा सकता है।
महाराष्ट्र सीईओ के कार्यालय ने एक बयान में कहा, “कुछ सोशल मीडिया यूजर्स की तरफ से एक वीडियो साझा किया गया था जिसमें एक व्यक्ति महाराष्ट्र चुनावों में ईवीएम को अलग करके ईवीएम को हैक करने और छेड़छाड़ करने के झूठे, आधारहीन और निराधार दावे कर रहा है। इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की शिकायत पर मुंबई साइबर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।”
मुंबई साइबर पुलिस ने इस वीडियो में दिख रहे व्यक्ति के खिलाफ 30 नवंबर की रात साइबर पुलिस स्टेशन, दक्षिण, मुंबई में एफआईआर संख्या 0146/2024 दर्ज की है।
चुनाव आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि ईवीएम एक स्टैंडअलोन मशीन है जिसे किसी भी नेटवर्क से नहीं जोड़ा जा सकता, चाहे वह वाई-फाई हो या ब्लूटूथ। इसलिए ईवीएम में हेरफेर का सवाल ही नहीं उठता। ईवीएम पूरी तरह से छेड़छाड़-रोधी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कई मौकों पर ईवीएम पर अपना विश्वास जताया है। भारत के चुनाव आयोग ने किसी भी संदेह को दूर करने के लिए पहले ही अपनी वेबसाइट पर विस्तृत FAQ प्रकाशित कर दिए हैं.
बयान में कहा गया है कि 2019 में इसी तरह की घटना में उसी व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोपी दूसरे देश में छिपा हुआ है। चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम के बारे में गलत दावे करने या गलत सूचना फैलाने वाले के खिलाफ सख्त आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
क्या है वीडियो में ?
वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को वीडियो कॉल पर यह बताते हुए दिखाया गया है कि वह कथित तौर पर ईवीएम को कैसे हैक कर सकता है। आरोपी व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जाता है कि उसकी 288 में से 281 सीटों तक पहुंच है। उसने कथित तौर पर 63 सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए 52-53 करोड़ रुपये की राशि का हवाला दिया।
वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की पहचान सैयद शुजा के रूप में की गई है। उसके खिलाफ 2019 की शिकायत में चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को बताया था कि शुजा ने दावा किया था कि वह ईवीएम डिजाइन टीम का हिस्सा थे और उन्हें हैक कर सकते थे।