माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम की बैठक हर महीने होगी। साथ ही पीटीएम में बच्चों के पिता आमंत्रित किए जाएंगे और उन्हें भी जिम्मेदारी दी जाएगी।
लखनऊ। (Mother Orientation Program) उत्तर प्रदेश में परिषदीय प्री-प्राइमरी विद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के अभिभावकों को घर में बच्चों से अच्छा व्यवहार करने और सकारात्मक माहौल बनाए रखने के तौर-तरीके बताए जाएंगे। अभिभावकों का सक्रिय सहयोग लेकर विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ नैतिकता का भी पाठ पढ़ाया जाएगा। घर पर अभिभावक उनकी किस तरह देखभाल करें इसके लिए माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। विद्यार्थियों को बचपन से ही उन्हें अच्छा नागरिक बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
जैसा कि सभी जानते हैं कि बच्चे घर में ज्यादा समय अपनी मां के बिताते हैं। ऐसे में सबसे पहले उन्हें ही बच्चों की बेहतर देखभाल करने की शिक्षा दी जाएगी। इसके मद्देनजर स्कूली शिक्षा महानिदेशालय ने माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम के लिए गाइडलाइन जारी की है। माता उन्मुखीकरण बैठक जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च में आयोजित की जाएगी। यह बैठक उन प्राथमिक/कंपोजिट विद्यालयों जिनके परिसर में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है, में ही आयोजित की जाएगी ।
शिक्षक माताओं को बताएंगे कि वे अपने बच्चे की किसी दूसरे बच्चे से तुलना न करें, बार-बार उनकी निंदा न करें और उन्हें डांटे नहीं। ऐसा करने से बच्चे हतोत्साहित होते हैं और अपने को कमतर समझने लगते हैं।
माताओं को बताया जाएगा कि किस तरह वे बच्चों को प्रोत्साहित और अच्छी उपलब्धि पाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। इसके लिए वे छोटी-छोटी उपलब्धियों पर भी बच्चों की प्रशंसा करें, बच्चों की बातों को धैर्यपूर्वक सुनें, सकारात्मक अनुशासन के साथ अच्छे और खराब का अंतर समझाएं, उन्हें पूरा समय दें और खेलकूद में उनके साथ हिस्सा लें, मोबाइल फोन और टीवी का नियंत्रित उपयोग करने दें और बच्चों की दिनचर्या को सही बनाएँ
सभी विद्यालयों में होंगे कार्यक्रम
सरकारी विद्यालयों में माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम हर महीने आयोजित किया जाएगा। साथ ही अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) में बच्चों के पिता आमंत्रित किए जाएंगे और उन्हें भी जिम्मेदारी दी जाएगी।
दरअसल, सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे तमाम बच्चों के अभिभावक उन्हें विद्यालय से दिया गया गृहकार्य तक पूरा नहीं कराते। वे अपने बच्चों को घर में अनुशासित नहीं रखते जिसके कारण वे आए दिन विद्यालय से गायब हैं। ऐसी स्थिति को देखते हुए ही यह तय किया गया है कि बच्चों को प्रोत्साहित, प्रेरित करने की पहले घर से ही हो जिससे वे अनुशासित हों और पढ़ने में मन लगाएं जिससे उनका भविष् उज्जवल हो।
माता उन्मुखीकरण बैठक 2024-25 हेतु प्रत्येक माह के लिए निर्धारित थीम
- जून : बच्चों के शुरुआती वर्षों का महत्व
- जुलाई : स्थानीय गीत, कविताएं और कहानी तथा भाषा ज्ञान
- अगस्त : बच्चों के साथ भ्रमण, संख्या ज्ञान
- सितंबर : स्थानीय खेल-खिलौने, भाषा ज्ञान
- अक्टूबर : बच्चों की सीखने की निगरानी एवं अवलोकन, मूल्यांकन की समझ
- नवंबर : घर पर बच्चों के लिए सकारात्मक वातावरण का निर्माण- सामाजिक एवं भावनात्मक संबंध
- दिसंबर : ज्ञानेंद्रिय का उद्दीपन एवं संज्ञानात्मक विकास
- जनवरी : अच्छा खान-पान व अन्य आदतें एवं परिवेशीय समाज
- फरवरी : कलात्मक गतिविधियां (कला, गीत व नृत्य) सौंदर्य बोध एवं सांस्कृतिक विकास
- मार्च : बाल मेला/अभिभावक सम्मेलन