मनीष का सिर काटने के बाद ओमवीर दिल्ली और हरियाणा में छुपता घूम रहा था। एसओजी बरेली की टीम सर्विलांस के सहारे उसका पीछा कर रही थी।
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में बीते 27 नवंबर से लापता लेखपाल मनीष चंद्र कश्यप का कटा हुआ सिंर रविवार को बुखारा रोड के पास नाले से बरामद हुआ। कंकाल के पास से मिले कपड़ों से मनीष की पहचान हुई। एसओजी टीम ने आरोपी की निशानदेही पर ही कैंट थाना क्षेत्र में इस सिर का पता लगाया। हत्या की वजह को लेकर अधिकारी आरोपी छुटभइये नेता ओमवीर से पूछताछ कर रहे हैं जो फरीदपुर थाना क्षेत्र के गांव कपूरपुर का रहने वाला है।
मनीष की खोपड़ी बरामद होने की सूचना पर एसडीएम, सीओ तथा कैंट और फरीदपुर थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। चर्चा है कि किसी अन्य स्थान पर मनीष की हत्या करने के बाद उसकी खोपड़ी को नाले में फेंका गया होगा। जिस रास्ते पर कंकाल मिला है, वहां हर समय लोगों का आना-जाना लगा रहता है।
पुलिस के अनुसार मनीष की हत्या में हत्या में लेखपाल मनीष के कराबी ओमवीर का हाथ था। मनीष का सिर काटने के बाद वह बरेली से फरार हो गया और हरियाणा-दिल्ली के विभिन्न इलाकों में छुपता घूम रहा था। एसओजी टीम सर्विलांस के सहारे उसका पीछा कर रही थी।
मूलरूप से बहेड़ी के मोहल्ला अमरनाथ कॉलोनी निवासी और लेखपाल मनीष कश्यप 27 नवंबर 2024 से लापता थे। वह फरीदपुर तहसील में तैनात थे। उनके मोबाइल फोन की अंतिम लोकेशन तहसील में ही मिली थी। इसके बाद उनका कोई सुराग नहीं लगा। कॉल डिटेल से पता चला कि उनकी क्षेत्र के एक प्रधान से आखिरी बार बात हुई थी।
एसएसपी अनुराग आर्य ने अपहरण के मामले की विवेचना इंस्पेक्टर फरीदपुर राहुल सिंह से हटाकर इंस्पेक्टर फतेहगंज पश्चिमी प्रदीप चतुर्वेदी को दी थी। दरअसल, मनीष कश्याप की मां ने एडीजी से शिकायत की थी कि फरीदपुर इंस्पेक्टर जानबूझकर मामले में ढिलाई बरत रहे हैं। इसके बाद विवेचक बदले गए। 19 दिन बाद पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा। उसकी निशानदेही पर खोपड़ी बरामद हुई।