Jageshwar: जागेश्वर : यहीं से शुरू हुई शिवलिंग पूजन की परम्परा
Jageshwar: पतित पावन जटागंगा के तट पर समुद्रतल से लगभग 6200 फुट की ऊंचाई पर स्थित जागेश्वर धाम (Jageshwar Dham) में करीब ढाई सौ छोटे-बड़े मन्दिर हैं। मुख्य परिसर में…
Jageshwar: पतित पावन जटागंगा के तट पर समुद्रतल से लगभग 6200 फुट की ऊंचाई पर स्थित जागेश्वर धाम (Jageshwar Dham) में करीब ढाई सौ छोटे-बड़े मन्दिर हैं। मुख्य परिसर में…
Rameshwaram Jyotirlinga : रामेश्वरम् का मंदिर भारतीय निर्माण-कला और शिल्पकला का एक सुन्दर नमूना है। इसके प्रवेश-द्वार 40 फीट ऊंचा है। इसके प्रांगण में और मंदिर के अंदर सैकड़ों विशाल…
Bhimashankar Jyotirling: वास्तुकला की नगाड़ा शैली में बनाया गया भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मन्दिर श्रद्धालुओं के लिए प्रातः पांच बजे से रात्रि के 9:30 बजे तक खुला रहता हैं। सोमवार के प्रदोषम,…
Mahakaleshwar Jyotirlinga : स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव (Mahakaleshwar Mahadev) की अत्यन्त पुण्यदायी महत्ता है। ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से ही मोक्ष की…
Somnath Jyotirlinga : सोमनाथ मन्दिर (Somnath Temple) तीन प्रमुख भागों में विभाजित है- गर्भगृह, सभामण्डप और नृत्यमण्डप। इसका शिखर 150 फुट ऊंचा है। शिखर पर स्थित कलश का वजन 10…
Grishneshwar : घृष्णेश्वर मन्दिर में गर्भगृह का आकार 17 गुणा 17 फीट है जो अन्य ज्योतिर्लिंग मन्दिरों के गर्भगृहों की अपेक्षा अधिक बड़ा है। इस कारण श्रद्धालुओं को पूजन और…