Supreme Court’s decision: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी PFI के आठ लोगों की जमानत यह कहते हुए रद्द कर दी कि इस मामले में उत्तरदाताओं को जमानत पर रिहा नहीं करने के लिए धारा 43डी(5) के तहत गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) का आदेश लागू होगा।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों को बड़ा झटका दिया है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) के फैसले को पलटते हुए सभी आठ आरोपी सदस्यों की जमानत रद्द कर दी है। इन आठों पर देशभर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता सर्वोपरि है। साथ ही उसने इस मामले के ट्रायल में तेजी लाये जाने का भी निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की न्यायाधीश बेला माधुर्य त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की खंडपीठ ने कहा कि अपराध की गंभीरता और इस तथ्य को देखते हुए कि अधिकतम सजा के तौर पर इन अपराधियों ने जेल में केवल 1.5 वर्ष बिताए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आठ लोगों की जमानत यह कहते हुए रद्द कर दी कि इस मामले में उत्तरदाताओं को जमानत पर रिहा नहीं करने के लिए धारा 43डी(5) के तहत गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) का आदेश लागू होगा।
सबूत के अभाव में हाईकोर्ट ने दी थी जमानत
पिछले साल अक्टूबर में मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) की न्यायमूर्ति एसएस सुंदर और न्यायमूर्ति एसएस सुंदर की खंडपीठ ने कहा था इन आठों आरोपियों के खिलाफ आतंकवादी गिरोह से जुड़े होने या आतंकी सामग्री की मौजूदगी के सबूत ना होने की वजह से उन्हें जमानत दी जाती है। अक्टूबर 2023 में मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) की डबल बेंच ने कहा था, “पीएफआई को आतंकवादी संगठन नहीं, बल्कि एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है। अभियोजन इस अदालत के समक्ष अपीलकर्ताओं में से किसी एक की भी आतंकवादी कृत्य में शामिल होने या किसी आतंकवादी गिरोह या संगठन के सदस्य या आतंकवाद में प्रशिक्षण के बारे में कोई भी सामग्री पेश करने में असमर्थ रहा है।”
मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) के निर्देश पर ये आठ आरोपी जमानत पर हैं- बरकाथुल्ला, इदरीस, एम.ए. अहमद इदरीस, मोहम्मद अबुथाहिर, खालिद मोहम्मद, सैयद इशाक, खाजा मोहिदीन, यासर अराफात और फैयाज अहमद। इन सभी को केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत और विदेशों में धन जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि PFI की गतिविधियों को देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगा रखा है।।