कजाकिस्तान के सबसे बड़े शहर अल्माटी में ट्रैफिक रोक कर नमाज पढ़ने वालों पर भी पुलिस ने सख्ती दिखाई है ताकि आवश्यक सेवाएं प्रभावित न हों।
अलमाटी। मध्य एशिया के मुस्लिम बहुल देश कजाकिस्तान ने इस्लामी कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। कट्टरपंथी विचारधारा वाले संगठनों पर एक-एक कर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। सबसे ज्यादा सख्ती तब्लीगी जमात पर की गई है। बड़ी संख्या में तब्लीगी जमाती गिरफ्तार किए गए हैं। देश के सबसे बड़े शहर अल्माटी में ट्रैफिक रोककर नमाज पढ़ने वालों पर भी पुलिस ने सख्ती दिखाई है। प्रशासन का कहना है कि सड़कें बंद कर नमाज पढ़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि जरूरी सेवाएं प्रभावित ना हों।
गौरतलब है कि सऊदी अरब समेत मध्य एशिया के ज्यादातर देशों में तब्लीगी जमान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गौरतलब है कि तब्लीगी जमात भारत में भी सक्रिय है और इसे इस्लाम के सबसे कट्टर समूहों में माना जाता है। कजाकिस्तान फिलहाल पाकिस्तान के तब्लीगी जमातियों से परेशान है जो इस्लामी शिक्षा का घूम-घूमकर प्रचार करते हैं। तब्लीगी जमान के लोग पूरे मध्य एशिया में सक्रिय हैं। कजाकिस्तान सरकार का मानना है कि इन लोगों की सक्रियता से न केवल कट्टरपंथ को बढावा मिलेगा बल्कि आधुनिक शिक्षा और विकास कार्य भी प्रभावित होंगे।
पाकिस्तान की तब्लीगी जमात और हिज्ब-उत-तहरीर में समानताएं भी चर्चा में रही हैं। हिज्ब-उत-तहरीर मध्य एशिया और रूस में प्रतिबंधित है। जनवरी 2022 में कजाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों में भी हिज्ब-उत-तहरीर और तब्लीगी जमात पर अंगुली उठी थी। इस हमले में अल्माटी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया था और कई लोगों की जान गई थी।
देश के कई हिस्सों में तब्लीगी जमात पर सख्ती
कजाकिस्तान के कई हिस्सों में पुलिस ने तब्लीगी जमात पर शिकंजा कसा है। पश्चिमी कजाकिस्तान में तब्लीगी जमात से जुड़े कई प्रचारकों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग मस्जिदों में ने केवल ठहरे थे बल्कि भड़काऊ भाषण के माध्यम से अपनी विचारधारा फैला रहे थे। अल्माटी में सड़क पर नमाज पढ़ने पर भी सख्ती की गई है। दरअसल, नमाज की वजह से ट्रैफिक जाम हुआ और एंबुलेंस जैसी सेवाएं तक रुक गईं। इस पर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद से सरकार ऐसे मामलों में सख्ती बरत रही है ताकि आगे से आपातकालीन सेवा ना रुके।
आबादी का 70 प्रतिशत मुसलमान
कजाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल राष्ट्र है। कजाकिस्तान में 9वीं सदी में मुस्लिम धर्म आ गया था और इसके बाद से यहां इस्लाम को मानने वालों की बड़ी तादाद रही है। इस समय भी कजाकिस्तान की करीब 70 प्रतिशत आबादी इस्लाम को मानने वाली है। देश में पिछले साल स्कूलों में हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी गई थी। हालांकि कजाकिस्तान एक इस्लामिक राष्ट्र नहीं है। संविधान में कजाकिस्तान को धर्मनिरपेक्ष स्टेट कहा गया है।