यह एक औषधीय पादप है। इसके फलों को उनके चामत्कारिक गुणों के कारण “संजीवनी बूटी” के समान माना जाता है। इसके फलों का दवाओं के रूप में उपयोग चीन और यूरोप की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में होता रहा है।
पंकज गंगवार
सी बकथॉर्न (Sea Buckthorn) नाम के फल के बारे में जानते हैं आप? जानते हैं तो अच्छी बात है और य़दि इसके बारे में जानकारी नहीं है तो बता देता हूं कि इसे डालेचुक, वंडर बेरी, हिमालयन बेरी, लेह बेरी और लद्दाख गोल्ड के नाम से भी पहचाना जाता है। यह उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाला पौधा है जिस पर बेरी के आकार के नारंगी रंग के फल लगते हैं। भारत में यह लद्दाख, उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के बहुत ही उच्च स्थानों पर पाया जाता है। भारत के बाहर यह चीन और रूस समेत यूरोप के कई देशों में भी फलता है।
यह एक औषधीय पादप है। 4000 से 14000 फुट की ऊंचाई पर उगने वाले इस पौधे के फलों को उनके चामत्कारिक गुणों के कारण “संजीवनी बूटी” के समान माना जाता है। इस पौधे के फलों का दवाओं के रूप में उपयोग चीन और यूरोप की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में होता रहा है। भारत में भी उच्च पर्वतीय स्थानों पर रहने वाले लोग इसका उपयोग जूस, जैम, जेली आदि बनाने में करते रहे हैं। कहा जाता है चंगेज खान भी अपने को फिट रखने में इस पौधे के फलों से बने उत्पादों का प्रयोग करता था। सी बकथॉर्न (Sea Buckthorn) के चामत्कारिक गुणों पर अब विज्ञान ने भी मुहर लगा दी है।
सी बकथॉर्न के जूस में आंवले से अधिक विटामिन सी और भरपूर मात्रा में प्रति-आक्सीकारक होता है। इसका सेवन करने से कई गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर और डायबिटीज से निजात मिलती है। यह हमारे शरीर में विटामिन्स, मिनरल्स सहित लगभग सभी तरह पोषक तत्व की कमी को पूरा करता है। सी बकथॉर्न में बीटा कैरोटीन होता है जो विटामिन ए की कमी को पूरा करता है। इसमें विटामिन बी1, बी2 बी6, विटामिन ई, विटामिन के और भरपूर मात्रा में विटामिन सी भी पाया जाता है। इसमें ओमेगा 3,6, 7, 9 फैटी एसिड और अमीनो एसिड्स भी पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें कई ऐसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कम करते हैं।
सी बकथॉर्न (Sea Buckthorn) का जूस पेट और आंतों की समस्याओं में फायदा करता है। यह ब्लड प्रेशर को ठीक रखता है तथा शरीर में ट्राइग्लिसराइड और बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह रक्त वाहिकाओं की सेहत को सुधाता है, यानी हृदय रोग से भी बचाने में सहायक है। इसका उपयोग कैंसर के इलाज में भी किया जाता है। इसमें बीटा-कैरोटीन (beta-carotene) होने के कारण यह आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। इसके सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है तथा आंखों में होने वाली खुजली जलन और एलर्जी से राहत मिलती है यह श्वस्न तंत्र की समस्याओं जैसे अस्थमा, निमोनिया आदि में भी लाभकारी है। वजन घटाने के सप्लीमेंट्स के रूप में सी बकथॉर्न का प्रयोग हो रहा है। भारतीय सेना भी सप्लीमेंट के रूप में इसका इस्तेमाल करती है।
सी बकथॉर्न (Sea Buckthorn) लद्दाख जैसे उच्च पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत कर रहा है। इसके फायदों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्ययोजना बनावाई है।
मात्रा और उपयोग : सी बकथॉर्न (Sea Buckthorn) का उपयोग खाली पेट या भोजन के बाद किसी भी समय किया जा सकता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए इसके जूस की 10 से 20 मिलीमीटर मात्रा दिन में तीन बार प्रयोग करें। फूड स्लीमेंट्स बनाने वाली प्रसिद्ध कंपनी न्यूट्रीकेयर बायो साइंस प्राइवेट लिमिटेड यानी न्यूट्री वर्ल्ड ने सी बकथॉर्न के जूस को अंतरराष्ट्रय मानकों के अनुरूप गुणवत्ता और पैकिंग के साथ बाजार में उतारा है।
(लेखक पोषण विज्ञान के गहन अध्येता होने के साथ ही न्यूट्रीकेयर बायो साइंस प्राइवेट लिमिटेड (न्यूट्री वर्ल्ड) के चेयरमैन भी हैं)